Loading election data...

एड्‌स दिवस : गुमला में एड्स के 214 मरीज, अब तक आठ लोगों की हो चुकी है मौत, साल 2021 के आंकड़े चौंकाने वाले

झारखंड के गुमला जिले में एड्स रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, अब तक 214 लोग इस बीमारी से ग्रस्त हो चुके हैं, जबकि 8 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें 8 बच्चे भी शामिल हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 1, 2021 9:46 AM

( जगरनाथ/अंकित ) गुमला : गुमला जिले में एड्स रोगियों की संख्या दिनों-दिन बढ़ रही है. आइसीटीसी केंद्र सदर अस्पताल गुमला से मिले आंकड़ा के अनुसार एचआइवी (एड्स) से अब तक आठ महिला व पुरुषों की मौत हो चुकी है. वहीं अभी भी 214 महिला-पुरुष, युवक-युवती एचआइवी से ग्रसित हैं. इनमें आठ बच्चे भी शामिल हैं. 111 पुरुष व 95 महिला एड्स से पीड़ित हैं. हालांकि सभी मरीजों का इलाज चल रहा है.

गुमला व रांची लिंक एआरटी केंद्र से मरीजों को एड्स की दवा दी जा रही है. अगर 2021 का आंकड़ा देखें, तो 12 लोग अब तक एड्स से पीड़ित मिले हैं. जिसमें आठ पुरुष व चार महिला हैं. वहीं दो ऐसे मरीज हैं, जो एड्स के अलावा टीबी बीमारी से भी ग्रसित हैं.

गुमला में पहले लिंक एआरटी केंद्र नहीं होने के कारण रांची के रिम्स अस्पताल से सभी रोगियों को एआरटी की दवा दी जा रही थी. परंतु 2021 के अगस्त माह में गुमला सदर अस्पताल में ही एआरटी केंद्र की स्थापना कर दी गयी है और यहां से 40 एड्स रोगियों को दवा दी जा रही है. कुछ मरीजों को रांची रिम्स से दवा भेजी जाती है.

गुमला में 2005 से चल रहा एड्स जांच केंद्र

गुमला में 2005 में आइसीटीसी केंद्र की स्थापना हुई है. सदर अस्पताल के एक कमरें में यह केंद्र चलता है. 2005 से अब तक हजारों लोगों की एचआइवी जांच की गयी है. जिसमें अब तक 214 लोग एड्स से पीड़ित मिले हैं. केंद्र के परामर्शदातृ युगांत दूबे ने बताया कि गुमला आदिवासी बहुल जिला है. यहां रोजगार का साधन नहीं है. यही वजह है, कि गुमला जिले में पलायन एक परंपरा बन गयी है. गुमला जिले से भारी संख्या में गांव के लोग काम की तलाश के लिए पलायन करते हैं. पलायन किये ग्रामीण जब गांव लौटते हैं, तो अपने साथ कुछ न कुछ बीमारी लेकर आते हैं. इन्हीं बीमारियों में एड्स है. इसके अलावा ट्रक चालकों में भी यह बीमारी होती है.

यहां होती है एड्स की जांच

जिले में गुमला सदर अस्पताल के अलावा भरनो अस्पताल में एड्स की जांच की सुविधा है. जबकि घाघरा व बसिया अस्पताल में भी एड्स जांच केंद्र खोलने की योजना है. जिस पर स्वास्थ्य विभाग काम कर रहा है. इसके अलावा डुमरी, चैनपुर, रायडीह, बिशुनपुर, घाघरा, सिसई, पालकोट, बसिया व कामडारा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एफआइसीटीसी केंद्र खोला गया है. जहां से एड्स मरीजों को लाभ मिल रहा है.

दो महिलाओं का हुआ सुरक्षित प्रसव

एड्स पीड़ित दो गर्भवती महिलाओं का गुमला सदर अस्पताल में सुरक्षित प्रसव कराया गया है. इसमें दोनों बच्चे स्वस्थ हैं. इन्हें एड्स नहीं है. जबकि इन दोनों बच्चों की मां एड्स से पीड़ित हैं और इनकी दवा चल रही है.

Posted By : Sameer Oraon

Next Article

Exit mobile version