CM हेमंत की अगुवाई में गृह मंत्री अमित शाह से मिला सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल, बोले- समय की मांग है जातीय जनगणना
जाति आधारित जनगणना, सरना धर्म कोड को जोड़ने व नक्सलवाद की रोकथाम समेत अन्य मुद्दों को लेकर रविवार को झारखंड का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि जहां जाति जनगणना समय की मांग है, वहीं सरना धर्म कोड को शामिल करने वर्तमान की जरूरी है.
Jharkhand News (रांची) : जाति आधारित जनगणना, नक्सलवाद समेत अन्य मुद्दों को लेकर झारखंड का सर्वदलीय शिष्टमंडल नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. रविवार की शाम हुई इस मुलाकात में झारखंड के सर्वदलीय शिष्टमंडल ने जातीय जनगणना में सरना धर्म कोड को लागू करने समेत अन्य मुद्दों पर गृह मंत्री श्री शाह को अवगत कराया. इस दौरान गृह मंत्री को सौंपे मांग पत्र के माध्यम से जाति आधारित जनगणना कराये जाने की सिफारिश की है.
गृह मंत्री से भेंट करने के बाद CM हेमंत सोरेन ने कहा कि जाति आधारित जनगणना समय की है. इस मांग को पूरा करना केंद्र की जिम्मेवारी है. उन्होंने कहा कि हमने अपनी बात गृह मंत्री अमित शाह को अवगत करा दिया है. जाति आधारित जनगणना में सरना कोड को लागू करने की भी मांग की गयी है.
मुख्यमंत्री श्री @HemantSorenJMM की अध्यक्षता में झारखण्ड से सर्वदलीय शिष्टमंडल ने माननीय केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह से मुलाकात कर उन्हें जाति आधारित जनगणना कराने हेतु माँग पत्र सौंपा। pic.twitter.com/RoVEAFjH8V
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) September 26, 2021
वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि झारखंड विधानसभा से सरना धर्म कोड को अलग कॉलम में शामिल करने की मांग के प्रस्ताव को पास कर पहले ही केंद्र सरकार को भेजा गया है. झारखंड सरकार जातीय जनगणना में सरना धर्म कोड को जोड़ने का समर्थन करते हुए ही विधानसभा से पास कराकर इसे केंद्र को भेजा है. अब केंद्र सरकार की जिम्मेवारी है कि जातीय जनगणना में सरना धर्म कोड के लिए अलग कॉलम की व्यवस्था कर इसे इस जनगणना में शामिल किया जाये.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को साैंपे मांग पत्र में बताया गया कि जाति आधारित जनगणना कराये जाने से देश के नीति निर्धारण में कई तरह के फायदे होंगे. ऐसी परिस्थिति में इन विषमताओं को दूर करने के लिए जातिगत आंकड़े की जरूरत है. वहीं, जाति आधारित जनगणना कराये जाने से देश के नीति-निर्धारण में कई तरह के फायदे हैं.
– पिछड़े वर्ग के लोगों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराने में ये आंकड़े सहायक सिद्ध होंगे
– नीति निर्माताओं को पिछड़े वर्ग के लोगों के उत्थान के निमित्त बेहतर नीति-निर्धारण एवं क्रियान्वयन में आंकड़े मदद करेंगे
– ये आंकड़े आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक विषमताओं को भी उजागर करेंगे एवं लोकतांत्रिक तरीके से इनका समाधान भी निकाला जा सकेगा
– संविधान की धारा-340 में भी आर्थिक एवं सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों की वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त करने के निमित्त आयोग बनाने का प्रावधान है. जातिगत जनगणना से संविधान के इस प्रावधान का भी अनुपालन सुनिश्चित हो सकेगा.
– लक्ष्य आधारित योजनाओं में सुयोग्य लाभुकों को शामिल करने तथा नहीं करने में होने वाली त्रुटियों को कम करने में भी यह सहायक सिद्ध होगी.
इस 11 सदस्यीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में झारखंड के CM हेमंत सोरेन के अलावा ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दीपक प्रकाश, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो, भाकपा माले विधायक विनोद सिंह, मासस विधायक अरुण चटर्जी, भाकपा के पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता, एनसीपी विधायक कमलेश कुमार सिंह व सीपीआई(एम) से सुरेश मुंडा शामिल थे.
Posted By : Samir Ranjan.