गुमला से 20 किमी दूर कतरी जलाशय के नहर निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ है. इंजीनियर से लेकर ठेकेदारों ने मिल बांटकर सरकारी राशि की बंदरबांट की गयी है. करोड़ों रुपये की लागत से बने नहर का कोई उपयोग नहीं हो रहा है. क्योंकि नहर से खेतों तक पानी नहीं पहुंच रहा है.
इस संबंध में अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा गुमला द्वारा उपायुक्त को मांग-पत्र सौंपकर कतरी जलाशय के नहर निर्माण योजना में बरती गयी. अनियमितता व नहर की साफ-सफाई नहीं कराये जाने जैसे मामले को लेकर उपायुक्त से जांच कर उचित कार्रवाई की मांग की है. किसान सभा ने उपायुक्त को दिये मांग-पत्र में कहा है कि एक सौ करोड़ रुपये की लागत से बनी नहर सैकड़ों जगह टूट-फूट होकर नहर में जगह-जगह कचरा जमा हो गया है.
घास उग आया है. जिसको नियमानुसार पांच साल तक कार्यकारी संवेदक को साफ-सफाई व मेंटेनेंस का काम को देखना था. लेकिन संवेदक द्वारा जल पथ प्रमंडल विभाग से मिलीभगत कर ना टूट-फूट की मरम्मत किया गया और ना ही नहर की साफ सफाई की गयी. इस संबंध में जल पथ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को सूचित करने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.
उल्टे कार्य लेने के एवज में संवेदक द्वारा जमा सिक्यूरिटी मनी को भी मोटी रकम का लेन देन कर विमुक्त करने के फिराक में विभाग है. अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा ने कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में किसान हित में आंदोलन शुरू करने की घोषणा की है. डीसी से मिलने वाले तीन सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल में किसान सभा के जिलाध्यक्ष आदित्य सिंह, शंकर उरांव व मनी उरांव मौजूद थे.