झारखंड : आज भी किराये के मकान में क-ख-ग…सीख रहे हैं नौनिहाल, एक दशक बाद भी पूरा नहीं बन पाया आंगनबाड़ी भवन
गुमला के चैनपुर प्रखंड के सेमरटोली में एक दशक बाद भी आंगनबाड़ी भवन का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ. इस कारण सेमरटोली व आसपास के टोलों के बच्चे किराये के मकान में छोटे से कमरे में अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने को विवश हैं.
चैनपुर (गुमला) कौशलेंद्र शर्मा. गुमला जिला के चैनपुर प्रखंड अंतर्गत कुरुमगढ़ थाना के सेमरटोली में निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केंद्र का भवन पिछले एक दशक में भी पूरा नहीं बन सका है. इस कारण सेमरटोली व आसपास के टोलों के बच्चे किराये के मकान में छोटे से कमरे में अपनी प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने को विवश हैं. लगभग 10 साल पहले आंगनबाड़ी केंद्र के भवन का निर्माण कार्य शुरू हुआ था. कार्य शुरू होने के बात धीरे-धीरे कर कई सालों बाद भवन को खड़ा कर दिया गया, परंतु भवन में खिड़की व दरवाजा नहीं लगाये गये और न ही रंग-रोगन किया गया है, जिससे भवन का कभी उपयोग ही नहीं हुआ. भवन धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त भी हो रहा है.
किराये के छोटे से मकान में संचालित हो रहा है आंगनबाड़ी केंद्र
वर्तमान में उक्त आंगनबाड़ी केंद्र एक किराये के छोटे से मकान में संचालित हो रहा है, जहां 10 नौनिहाल क, ख, ग.., अंक ज्ञान और शब्द ज्ञान सीख रहे हैं. बताते चले कि इस साल उपायुक्त ने आंगनबाड़ी केंद्रों के भवनों की स्थिति सुधारने संबंधित आवश्यक निर्देश जारी किये है, जिसके आलोक में कहीं नया भवन बनाया जा रहा है, तो कहीं पुराने क्षतिग्रस्त भवन की मरम्मत व रंग-रोदन किया जा रहा है. सेमरटोली जैसे कई ऐसे सुदूर क्षेत्र हैं. जहां योजना को पूरा करने के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है. संभवत: सेमरटोली का आंबनबाड़ी भवन भी उसी खानापूर्ति का हिस्सा है.
कांग्रेस नेता व पंसस ने भवन का लिया जायजा
अधूरे आंगनबाड़ी केंद्र के संबंध में प्रखंड कांग्रेस कमेटी को जानकारी दी गयी. इसके बाद प्रखंड अध्यक्ष निरंजन बाड़ा, आलोक लकड़ा व पंसस कृष्णा उरांव ने भवन का जायजा लिया. बताया कि आंगनबाड़ी भवन अभी भी अधूरा है. गांव के बच्चे को मजबूरी में किराये के मकान में पढ़-लिख रहे हैं. भवन भी देखरेख के अभाव में क्षतिग्रस्त हो रहा है. उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी भवन की स्थिति व बच्चों की समस्या से प्रशासन को अवगत कराया जायेगा.
अधिकारी आते हैं व फोटो खींच आश्वासन देकर चले जाते हैं : सेविका
आंगनबाड़ी सेविका ने बताया कि 10 साल पूर्व आंगनबाड़ी केंद्र का भवन बनना शुरू हुआ था. भवन तो बना दिया गया है, परंतु न तो भवन में खिड़की-दरवाजे लगाये गये हैं और न ही भवन का रंग-रोदन किया गया है. कभी-कभार अधिकारी व कर्मचारी आंगनबाड़ी भवन को देखने आते हैं और फोटो खींच कर चले जाते हैं. उनसे भवन में खिड़की-दरवाजा लगाने व रंग-रोगन कराने की मांग करने पर भवन को पूरा बनवाने का आश्वासन देते हैं.
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