कार्तिक उरांव कॉलेज गुमला में गुस्साए छात्रों ने की तालाबंदी, प्रिंसिपल को ऑफिस में किया बंद
गुमला के कार्तिक उरांव कॉलेज में गुस्साए छात्रों ने तालाबंदी कर दी. वहीं, प्रिसिंपल को उनके ऑफिस में बंद कर दिया. साथ ही एनएच-43 मार्ग को तीन घंटे तक जाम रखा. छात्रों का आरोप है कि इस कॉलेज में इंटर की पढ़ाई बंद कर दी गयी है. इससे छात्रों के समक्ष उच्च शिक्षा को लेकर गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है.
Jharkhand News: गुमला के कार्तिक उरांव कॉलेज में इंटरमीडिएट में पढ़ाई बंद करने से हजारों छात्र आक्रोशित होकर शुक्रवार को कॉलेज में तालाबंदी कर दी. प्रिंसिपल को भी कार्यालय के अंदर बंद कर दिया. वहीं, तीन घंटे तक एनएच-43 को जाम रखा. सड़क जाम होने से सिमडेगा एवं गुमला का मार्ग अवरुद्ध रहा. कॉलेज का गेट बंद कर छात्र पालकोट रोड की सड़क को जामकर बैठ गये. सीओ और थानेदार के समझाने के बाद भी छात्र नहीं माने.
दो हजार छात्रों के भविष्य पर सवाल
छात्रों ने कॉलेज में इंटर आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स फैकल्टी में पढ़ाई सुचारू रखने, बर्सर और प्रिंसिपल को हटाने की मांग पर अड़े हुए थे. साथ ही कॉलेज में पेयजल, शौचालय, बिजली सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं बहाल कराने की मांग कर रहे थे. काफी हो-हंगामा एवं उग्र आक्रोश के बाद कॉलेज में इंटर की पढ़ाई जारी रखने के लिए शिक्षा मंत्री एवं जैक अध्यक्ष से मुलाकात करने तथा इंटर में नामांकन फीस में वृद्धि करने की सहमति बनी. इसके बाद दो बजे विद्यार्थियों ने जाम हटाया. यहां बता दें कि इस सत्र से कॉलेज में इंटरमीडिएट में नामांकन बंद कर दिया गया है. जिससे गुमला के ग्रामीण क्षेत्र के दो हजार छात्रों के भविष्य पर सवाल खड़ा हो गया है.
सांसद व विधायक ने कहा : हम छात्रों के साथ हैं
इधर, सांसद सुदर्शन भगत व गुमला विधायक भूषण तिर्की ने कहा है कि हम छात्रों के साथ हैं. कॉलेज में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद न हो. इसके लिए पहल की जायेगी. सांसद ने गुमला डीसी सहित कई अधिकारियों से इस मुद्दे पर फोन पर बात भी किये. विधायक ने कहा कि केओ कॉलेज में इंटरमीडिएट की पढ़ाई जारी रहे. इसके लिए शिक्षा मंत्री से मिलेंगे.
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इंटर की पढ़ाई बंद होने नहीं देंगे : रामावतार
छात्र नेता रामावतार भगत ने कहा कि गुमला में केओ कॉलेज का संचालन और कॉलेज में इंटरमीडिएट एवं डिग्री की पढ़ाई होते आ रही है. जिले भर में यही एक ऐसा कॉलेज है. जहां सभी विषयों की पढ़ाई होती है. यहां तक की कुड़ुख, नागपुरी सहित अन्य स्थानीय भाषाओं की भी पढ़ाई होती है. जिले में कई इंटर कॉलेज है. परंतु वहां स्थानीय भाषा की पढ़ाई नहीं होती है.
विद्यार्थी उच्च शिक्षा से वंचित रह जायेंगे : सानू
छात्र नेता सानू कुमार ने कहा कि कॉलेज में इंटर की पढ़ाई बंद होने से ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी उच्च शिक्षा से वंचित रह जायेंगे. क्योंकि वे अन्य इंटर कॉलेज में नामांकन और पढ़ाई के दौरान होने वाले खर्च को वहन नहीं कर पायेंगे. कॉलेज प्रबंधन कहता है कि यहां इंटर की पढ़ाई के लिए जैक से फंड नहीं दिया जाता है, जबकि प्राचार्य के वाहन के चालक को जैक से मानदेय का भुगतान किया जाता है. यदि जैक फंड ही नहीं दे रहा तो चालक को जैक के माध्यम से पैसा कैसे मिलता है?
फंड के अभाव में इंटरमीडिएट की पढ़ाई कराना कॉलेज में संभव नहीं : प्रिंसिपल
केओ कॉलेज, गुमला के प्रिंसिपल प्रो एजे खलखो ने कहा कि सरकार अथवा जैक फंड उपलब्ध करा दे, तो इंटर कॉलेज का संचालन फिर से हो सकता है. क्योंकि विद्यार्थियों से फीस के रूप में जो पैसा आता है. उतने में इंटरमीडिएट का संचालन संभव नहीं है. विद्यार्थियों से सालाना 18 लाख रुपये फीस का पैसा मिलता है. परंतु इंटर कॉलेज के संचालन में लगभग 45 लाख रुपये खर्च होता है. जैक सालाना 30 लाख रुपये दें तो इंटर की पढ़ाई होगी.
रिपोर्ट : जगरनाथ पासवान, गुमला.