गुमला के कुरूमगढ़ में पशुपालकों को नहीं मिल रहा सरकारी लाभ, सभी प्रकार की सुविधा से है वंचित
कुरूमगढ़ थाना क्षेत्र अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. विकास के कार्यों में नक्सलवाद बहुत ही बड़ी बाधा है. यही कारण है कि सरकार के लाख प्रयास के बावजूद यहां विकास का कार्य नहीं हो पाता है.
गुमला : कुरूमगढ़ थाना क्षेत्र अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. विकास के कार्यों में नक्सलवाद बहुत ही बड़ी बाधा है. यही कारण है कि सरकार के लाख प्रयास के बावजूद यहां विकास का कार्य नहीं हो पाता है. प्रखंड के दूरदराज में रहने वाले किसान सरकारी लाभ से वंचित रह जाते हैं. कुरुमगढ़ के ग्रामीण कृषि पशुपालन पर आश्रित हैं.
कुरूमगढ़ के दरकाना गांव निवासी विधियां महतो 50 बकरी पाल कर अपना तथा अपने परिवार का लालन पालन कर रहा है. साथ ही अपने बच्चों को भी पढ़ा रहे हैं. यदि उनके पास बकरी को रखने के लिए बकरी शेड होता, तो वे और अधिक बकरियां पाल अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे पाते. बकरी शेड नहीं होने के कारण उन्हें विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
जयंत सिंह लोन लेकर गौ पालन का कार्य करते हैं. उनके पास उनके छह गायें हैं. लेकिन उनके पास गौशाला नहीं है. जिसके कारण अधिक संख्या में वह गाय पालन नहीं कर पा रहा है. यदि उनके पास गौशाला होता, तो अधिक संख्या में गाय पालन कर अपनी आमदनी बढ़ाते हुए अपने जीवन स्तर को अच्छी तरह से ऊंचा उठाते. उन्होंने सरकार से एक गौशाला की मांग की है.