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गुमला में सेना के जवान नक्सलियों को हथियार व कोरोना को योगासन से हरा रहे हैं

सेना के जवान हर रोज जंगलों, पहाड़ों व गांवों में नक्सल के खिलाफ अभियान चला रहे हैं. बाइक से गांवों में घूमते हैं. पैदल जंगल व पहाड़ों में चढ़ रहे हैं. नक्सल के साथ कोरोना वायरस भी दुश्मन है. इसलिए सेना के जवान नक्सलियों से लड़ने के लिए हथियार व कोरोना को हराने के लिए योग कर रहे हैं.

गुमला : कोरोना वायरस अदृश्य शक्ति है, जिससे हथियार से नहीं लड़ सकते. इससे बचने के लिए शरीर को स्वस्थ रखना होगा. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ानी होगी. इसलिए गुमला जिले में कोरोना वायरस से बचने के लिए सेना के जवान (CRPF- 2018 बटालियन) योग कर रहे हैं. हर सुबह जवान योग करते हैं, ताकि उनकी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो और वे इस संकट में कोरोना को हरा सके. पढ़िए दुर्जय पासवान की यह रिपोर्ट.

गुमला नक्सल ए श्रेणी जिला है. यहां भाकपा माओवादी व पीएलएफआई का प्रभाव है. सेना के जवान हर रोज जंगलों, पहाड़ों व गांवों में नक्सल के खिलाफ अभियान चला रहे हैं. बाइक से गांवों में घूमते हैं. पैदल जंगल व पहाड़ों में चढ़ रहे हैं. नक्सल के साथ कोरोना वायरस भी दुश्मन है. इसलिए सेना के जवान नक्सलियों से लड़ने के लिए हथियार व कोरोना को हराने के लिए योग कर रहे हैं.

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सेना ने कई गांवों को किया नक्सल मुक्त

गुमला जिले में टोंगो, चैनपुर, डुमरी, कुरूमगढ, बांसकरचा व बारेसार में सेना के जवानों का कैंप है. जहां सैंकड़ों की संख्या में सेना के जवान रहते हैं. ये जवान गुमला जिले को नक्सल मुक्त बनाने में लगे हुए हैं. सेना के जवानों की बदौलत ही गुमला जिले के कई गांव अाज नक्सल मुक्त हो गया है. लेकिन, वर्तमान समय में कोरोना वायरस महामारी भी एक अदृश्य दुश्मन के रूप में सामने आया है. कोरोना से बचने के लिए सीआरपीएफ-218 बटालियन के कमांडेंट एच रंजीत सिंह के निर्देश पर सभी कैंप में रहने वाले जवान हर सुबह योग व प्राणायाम कर रहे हैं. यहां तक कि शाम को भी फुर्सत मिलने पर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योग करते हैं.

खांसी, जुकाम, बुखार, दर्द, सांस की बीमारी से दूर

कमांडेंट एच रंजीत सिंह ने कहा कि योग और प्राणायाम का नियमित अभ्यास शरीर को स्वस्थ रखने के साथ हमारे प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में काफी मददगार साबित होते हैं. ये खांसी, जुकाम, वायरल बुखार, कमर दर्द, सांस लेने में तकलीफ आदि बीमारियों में लाभकारी होते हैं.

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योगासन और प्राणायाम करने वाले व्यक्तियों में स्फूर्ति व ऊर्जा का संचार होने के साथ शरीर के नस- नाड़ियों की शुद्धि होती है. साथ ही रोग से लड़ने की क्षमता मिलती है. इसलिए हमारे सभी कैंप में इस महामारी के समय योगासन व प्राणायम अनिवार्य कर दिया गया है. इस कार्यक्रम में द्वितीय कमान अधिकारी महेंद्र सिंह, उप कमांडेंट रिंकी झा, न्यमाई, दीपा राम, आशुतोष, राधेश्याम, एसी तथा निरीक्षक शबीबुल हसन, लाल चंद सहित सभी कंपनी के अधीनस्थ अधिकारी व जवान नियमित योग व प्राणायाम में शामिल हो रहे हैं.

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