प्रभु यीशु के वचनों को आत्मसात करें : बिशप लीनुस

प्रभु यीशु के वचनों को आत्मसात करें : बिशप लीनुस

By Prabhat Khabar News Desk | December 15, 2024 10:29 PM

गुमला.

केंद्रीय काथलिक सभा, महिला काथलिक सभा व युवा काथलिक सभा गुमला के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को संत पात्रिक मैदान गुमला में क्रिसमस गैदरिंग का आयोजन किया गया. गैदरिंग में गुमला पल्ली के विभिन्न गांव, टोलों व संस्थाओं से बच्चे-बच्चियों, युवक-युवतियों व महिलाओं ने बालक यीशु के जन्म की झांकियां प्रस्तुत की. यीशु मसीह के गीत पर बच्चों व युवाओं का डांस धमाकेदार रहा. यीशु मसीह के डीजे गीत की धुन पर दर्शकदीर्घा में बैठे ख्रीस्त विश्वासी भी झूमते नजर आये. इससे पूर्व कार्यक्रम का उदघाटन मुख्य अतिथि गुमला धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष बिशप लीनुस पिंगल एक्का व विशिष्ट अतिथि संत इग्नासियुस के रेक्टर फादर फ्लोरेंस कुजूर ने चरनी के समक्ष दीप जला और आशीष प्रदान कर किया. बिशप लीनुस पिंगल एक्का ने ख्रीस्त विश्वासियों को शांति, न्याय व धार्मिकता के राजकुमार यीशु ख्रीस्त के जन्म पर्व के आगमन की शुभकामनाएं दी. बिशप ने कहा कि स्वर्ग में परमेश्वर की महिमा व पृथ्वी पर उनके कृपापात्रों को शांति. यह एक संदेश है, जिसे दूतों द्वारा चरवाहों को दिया गया था. बिशप ने कहा कि इस संदेश के साथ हम क्रिसमस पर्व के माहौल में प्रवेश करते हैं. इस संदेश को हम अपने जीवन में अंगीकृत कर अपना जीवन बिताते हैं. हम सभी ख्रीस्त विश्वासी शांतिप्रिय हैं और हम शांति के लिए काम करते हैं. हमारा यही विचार रहता है कि हम इस दुनिया में शांति स्थापित करें. जिस प्रकार यीशु ख्रीस्त इस दुनिया में शांति स्थापित करने के लिए आये थे. उसी प्रकार हम सभी समस्त संसार में शांति स्थापित करें. बिशप ने कहा कि शांति, न्याय व धार्मिकता के राज कुमार यीशु ख्रीस्त का जन्म पर्व क्रिसमस आ रहा है. इस पर्व का हम सभी हर साल बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं. क्रिसमस के नाम पर जो सबसे महत्वपूर्ण व स्वागत योग्य बात है. वह यह है कि हम मनुष्य यीशु ख्रीस्त के परामर्शों को आत्मसात करें. नबियों व भविष्य वक्ताओं ने यीशु ख्रीस्त के जन्म से पूर्व यह कहा था कि एक कुंवारी से जो आने वाले हैं. वह अपूर्व परामर्शदाता हैं. वे शांति, न्याय व धार्मिकता के राजकुमार हैं. यह सही भी है, क्योंकि यीशु ख्रीस्त के अद्भुत परामर्शों व शिक्षाओं को हम बाइबल में पाते हैं, जिसमें पड़ोसी प्रेम, दया भाव, क्षमा, शांति व न्याय आदि पर बल देते हुए वे शत्रुओं से भी प्रेम करना सिखाते हैं और खुद भी अपने शत्रुओं को क्षमा कर देते हैं. परंतु हम आये दिन की अमानवीय और लज्जा जनक घटनाओं को देखने से ऐसा लगता है कि कई लोग प्रेम, दया, न्याय, शांति और क्षमा भाव नहीं रख पा रहे हैं और कुकर्मों को बढ़ावा दे रहे हैं, जो कहीं से मानव समाज के हित में नहीं है. इसलिए मानव समाज को सुरक्षित और बेहतर बनाये रखने के लिए यीशु ख्रीस्त के परामर्शों को आत्मसात करें. कार्यक्रम में फादर नीलम, फादर कुलदीप खलखो, फादर मुनसन बिलुंग, फादर जेफ्रेनियुस, फादर जीतन कुजूर, फादर नवीन कुल्लू, फादर पीटर तिर्की, सिस्टर हिरमिला लकड़ा, सिस्टर निर्मला, सिस्टर मायगी, सिस्टर शालिनी, सिस्टर शशि किंडो, केंद्रीय काथलिक सभा के अध्यक्ष सेतकुमार एक्का, पल्ली काथलिक सभा अध्यक्ष चंदन मिंज, त्योफिल बिलुंग, पात्रिक केरकेट्टा, जेराल्ड संजय बाड़ा, एरेनियुस मिंज, दामियन तोपनो, थेओदोर खलखो, अजीत कुजूर, नीलम प्रकाश लकड़ा, निमंस कुजूर, तिंतुस कुजूर, तेओफिल खलखो, फ्रांसिस गुप्ता, मनोज कुजूर, हिलारुस लकड़ा, सुमित तिग्गा, रूडोल्फ लकड़ा, काथलिक महिला संघ की अध्यक्ष फ्लोरा मिंज, जयंती तिर्की, दिव्या सरिता मिंज, लीली कल्याणी मिंज, ग्रेगोरी तिर्की, रजनी पुष्पा तिर्की, मंजू बेक आदि मौजूद थे.

आनंद व उल्लास का प्रतीक है क्रिसमस पर्व : फादर फ्लोरेंस

संत इग्नासियुस के रेक्टर फादर फ्लोरेंस कुजूर ने सभी को यीशु ख्रीस्त के जन्मपर्व क्रिसमस आगमन की शुभकामना देते हुए कहा कि क्रिसमस आनंद और उल्लास का पर्व है, जो मुक्ति की आशा दिलाती है. इस महत्वपूर्ण पर्व को खुशी और आशा के साथ मनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि क्रिसमस का पर्व आनंद व उल्लास का प्रतीक क्रिसमस गैदरिंग भी धूमधाम से मनाया जा रहा हैं. इस तरह के गैदरिंग में यह मायने नहीं रखता है कि आप ख्रीस्तीय हैं या गैर ख्रीस्तीय. जहां भी क्रिसमस गैदरिंग मनायी जाती है, सबका मनोभाव एक ही रहता है कि बड़ा दिन या बड़ा पर्व, जो ईसा मसीह के जन्मोत्सव का पर्व है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version