नोटा का बटन दबायेंगी पिछड़ी जातियां : नाग
प्रेस कांफ्रेंस में केंद्रीय पिछड़ा वर्ग संघर्ष समिति झारखंड के केंद्रीय अध्यक्ष बोले
By Prabhat Khabar News Desk |
April 22, 2024 9:48 PM
कामडारा.
केंद्रीय पिछड़ा वर्ग संघर्ष समिति झारखंड के केंद्रीय अध्यक्ष उदासन नाग ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव में पिछड़ी जातियों ने नोटा में बटन दबाने का निर्णय लिया है. क्योंकि, सरकार ने पिछड़ी जातियों के साथ अन्याय किया है. झारखंड के सात जिलों में आरक्षण शून्य कर दिया गया है. पिछड़ी जातियों ने आरक्षण मांगा. आंदोलन भी किया. लेकिन सरकार ने नहीं सुनी. इसलिए इस बार के चुनाव में जवाब देने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि सात जिलों में एक साल से घूम-घूम कर समाज को जागरूक करने का काम किया गया. खासकर गुमला, सिमडेगा, लोहरदगा, लातेहार व खूंटी में पिछड़ी जातियों को संगठित व जागरूक करने का प्रयास किया गया. सभी जिलों में मशाल जुलूस निकाला गया. एक दिन की सफल बंदी हुई. यहां के सांसद, विधायक, मुख्यमंत्री सभी को अवगत कराया गया. लेकिन आरक्षण नहीं मिला. सिर्फ बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद के नेतृत्व में विधानसभा में इस मुद्दे को रखा गया. विधानसभा में मामला उठा और विधानसभा सत्र के बाद कैबिनेट में पारित किया गया कि वर्तमान में जो केंद्र सरकार शिड्यूल कास्ट को 10 प्रतिशत आरक्षण दे रही है, उसमें सातों जिलों को समाहित कर दिया जाये. कैबिनेट में पारित कर इसे राज्यपाल के पास भेज दिया गया है. परंतु फाइल कहां पड़ी है, इसका पता नहीं है. जो दुर्भाग्य की बात है. श्री नाग ने कहा कि सिमडेगा में केंद्रीय बैठक में भी सभी पार्टी ने छलने का काम किया. एकीकृत बिहार में 27 प्रतिशत आरक्षण मिलता था. लेकिन जैसे ही झारखंड मिला, नये मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आरक्षण खत्म कर दिया. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर गुमला में कुछ दिन पहले बाबूलाल मरांडी व समीर उरांव से वार्ता हुई थी. जिसमें समिति ने पिछड़ी जातियों को आरक्षण देने की मांग की थी. श्री साहू ने कहा कि 28 अप्रैल के बाद पूरे लोकसभा में केंद्रीय पदाधिकारियों की टीम गांव-गांव जाकर नेताओं के सोच के बारे में बतायेगी. वर्तमान में राजनीतिक पार्टी के दबाव में प्रशासन द्वारा परेशान किया जा रहा है. पुनः बैठक कर कड़े निर्णय लेने के लिए बाध्य होंगे.