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झारखंड की नदियों से बालू उठाव पर रोक, पर गुमला की जोराग नदी से हरदिन निकल रहे 100 ट्रैक्टर बालू

मॉनसून को देखते हुए झारखंड की नदियों से बालू का उठाव बंद है. इसके बावजूद धड़ल्ले से बालू की अवैध उठाव जारी है. ऐसा ही एक मामला गुमला की जोराग नदी में देखने को मिल रही है. यहां हरदिन 100 ट्रैक्टर बालू का उठाव हो रहा है, पर पुलिस प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है.

गुमला, जॉली विश्वकर्मा : सरकार ने नदियों से बालू के उठाव पर रोक लगा दी है. इसके बावजूद गुमला की जोराग नदी से हर दिन 100 से अधिक ट्रैक्टर बालू निकल रहा है. बालू माफिया नदी से बालू निकाल कर ऊंचे दामों में चोरी-छिपे बेच रहे हैं या फिर बरसात को देखते हुए जोराग में बालू को डंप कर रखा जा रहा है, ताकि बरसात शुरू होने के बाद बालू को ऊंचे दामों में बेचा जा सके. जोराग गांव करौंदी पंचायत में आता है.

ग्रामीणों ने प्रभात खबर को नदी से बालू उठाव का फोटो उपलब्ध कराया

बताया जा रहा है कि जोराग नदी से निकल रहे बालू का कमीशन कईयों के पास जाता है, इस कारण बालू के इस उठाव पर कोई रोक-टोक नहीं है. कुछ लोगों ने प्रभात खबर को फोटो उपलब्ध कराते हुए नदी से अवैध तरीके से उठ रहे बालू की जानकारी दी है. ग्रामीणों ने बताया कि एक तरफ भीषण गर्मी पड़ रही है, दूसरी तरफ बालू माफिया दिन भर ट्रैक्टर लगा कर नदी से बालू का अवैध उत्खनन कर रहे हैं. जिससे नदी का पानी सूखने लगा है. नदी का पानी सूखने से पशु-पक्षियों को पेयजल की किल्लत हो गयी है. सरकार के राजस्व की भी क्षति हो रही है, जिसे देखने वाला कोई नहीं है.

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बालू के अवैध उत्खनन से जलस्तर जा रहा नीचे

ग्रामीणों ने बताया कि बालू के अवैध उत्खनन से धरती का जलस्तर भी नीचे जा रहा है. ऐसा भी समय था कि कितनी भी गर्मी क्यों न रहे. नदी में हमेशा पानी रहता था. अब अवैध उत्खनन के कारण नदी का जलस्तर भी समाप्त होने के कगार पर है. बालू माफिया अवैध बालू को बेच कर माला-माल हो रहे हैं. दूसरी तरह ग्रामीण प्रकृति की मार झेल रहे हैं.

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