किसानों को केसीसी ऋण देने में बैंक पीछे, जिले के सभी बैंकों का प्रदर्शन बेहद असंतोषजनक
जिले के 73 बैंक शाखाओं में से 37 बैंक शाखाओं की प्रगति शून्य है
जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति (डीएलसीसी) गुमला की समीक्षा बैठक शुक्रवार को आईटीडीए भवन में हुई. अध्यक्षता उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा ने की. बैठक में उपायुक्त ने केसीसी ऋण की स्वीकृति, बैंकों में भेजे गये केसीसी आवेदनों की अद्यतन स्थिति एवं झारखंड कृषि ऋण माफी योजना सहित अन्य विषयों की समीक्षा की. उपायुक्त ने जिले के सभी बैंकों का प्रदर्शन बेहद असंतोषजनक पाया.
जिले के 73 बैंक शाखाओं में से 37 बैंक शाखाओं की प्रगति शून्य पाया. जबकि वर्ष 2020-21 में मार्च तिमाही तक कृषि ऋण में उपलब्धि एसीपी का मात्र 25.21 प्रतिशत ही पाया. इस पर उपायुक्त ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी बैंकों को अधिक से अधिक केसीसी आवेदनों को स्वीकृत करने का निर्देश दिया.
उन्होंने कहा कि किसान केसीसी के माध्यम से अपने जीवन स्तर में सुधार ला सकते हैं. अपर समाहर्त्ता सुधीर कुमार गुप्ता ने बताया कि मार्च माह से पूर्व तक विभिन्न बैंकों में लगभग 18 हजार आवेदन स्वीकृति के लिए भेजे गये थे. इसके अतिरिक्त अब तक लगभग 26 से 27 हजार आवेदन विभिन्न बैंकों में भेज दिये गये हैं.
इस तरह विगत दिसंबर 2020 तक लगभग 45000 आवेदन स्वीकृति के लिए विभिन्न बैंकों में भेजे गये हैं. जिसमें से मात्र 2000 आवेदनों की ही स्वीकृति की गयी है, जो संतोषप्रद नहीं है. वहीं एलडीएम द्वारा केसीसी स्वीकृति से संबंधित आंकड़ा प्रस्तुत किया गया. जो त्रुटिपूर्ण पाया गया. इस पर उपायुक्त ने नाराजगी व्यक्त करते हुए एलडीएम सहित समन्वयकों एवं शाखा प्रबंधकों को केसीसी ऋण के कार्यों को गंभीरता से लेने तथा बैठक के पूर्व सभी प्रकार के आवश्यक जानकारियों को अद्यतन कर बैठक में उपस्थित होने का निर्देश दिया.
साथ ही कार्य में कोताही बरतने पर आवश्यक कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी. बैंकवार केसीसी ऋण की समीक्षा के क्रम में उपायुक्त ने पाया कि झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के 18 बैंक शाखाओं में लगभग 7654 आवेदनों में से मात्र 161 लाभुकों का ही केसीसी स्वीकृत किया गया है. 18 बैंक शाखाओं में से 12 शाखाओं की प्रगति शून्य है.
उपायुक्त ने शाखा प्रबंधकों को सप्ताह में दो दिन केसीसी स्वीकृति दिवस के रूप में निर्धारित कर लाभुकों के केसीसी से संबंधित कार्यों को पूर्ण कराने, केसीसी के आवेदनों को अस्वीकृत करते वक्त उनका उचित कारण स्पष्ट करने, केसीसी ऋण स्वीकृति को प्राथमिकता देते हुए अधिक से अधिक लाभुकों को इसका लाभ दिलाने का निर्देश दिया.
वहीं झारखंड कृषि ऋण माफी योजना की समीक्षा में उपायुक्त ने पाया कि गुमला सदर, कामडारा, चैनपुर, डुमरी, भरनो, सिसई आदि प्रखंडों में अब तक लगभग 29511 लाभुकों के डाटा में से केवल 13474 डाटा ही अपलोड किया गया है. इस पर उपायुक्त ने असंतोष प्रकट करते हुए एलडीएम को जिन लाभुकों का आधार कार्ड नहीं है उनकी सूची प्राप्त कर अविलंब उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. बैठक में उपविकास आयुक्त संजय बिहारी अंबष्ठ, अपर समाहर्त्ता सुधीर कुमार गुप्ता, एलडीएम जॉन हांसदा, आरबीआई एलडीओ नलिन, जिला मत्स्य पदाधिकारी दीपक कुमार सिंह सहित अन्य उपस्थित थे.