Jharkhand News: संत का वेश धारण करने वालों से रहें सावधान, गुमला में बोले स्वामी यादवेंद्रानंद

गुमला ऐसी धरती है, जहां श्रीराम के परम भक्त हनुमान का जन्म हुआ. जनश्रुति के अनुसार, गुमला के आंजनधाम में भगवान हनुमान का जन्म हुआ है. भक्तों की अटूट आस्था है. इसलिए आप सभी स्वच्छ मन से समाज के लिए काम करें.

By Prabhat Khabar News Desk | December 14, 2022 6:45 AM

झारखंड (Jharkhand News) के उग्रवाद प्रभावित जिला गुमला के जिला मुख्यालय में करमटोली स्थित बुढ़वा महादेव मंदिर के समीप दिव्य ज्योति जागृति संस्थान (Jyoti Jagriti Sansthan) द्वारा श्रीहरि कथा का आयोजन किया गया. साध्वी शीतली भारती (Sadhwi Sheetali Bharati) ने कहा कि ईश्वर हर जगह है. आप के अंदर भी है. बस जरूरत है. उसे स्वच्छ व सुंदर मन से ढूंढ़ने की.

आंजनधाम में हुआ भगवान हनुमान का जन्म

उन्होंने कहा कि गुमला ऐसी धरती है, जहां श्रीराम के परम भक्त हनुमान का जन्म हुआ. जनश्रुति के अनुसार, गुमला के आंजनधाम में भगवान हनुमान का जन्म हुआ है. भक्तों की अटूट आस्था है. इसलिए आप सभी स्वच्छ मन से समाज के लिए काम करें.

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धर्म-कर्म से आसपास का माहौल भी होता है सुंदर

कार्यक्रम में चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष रमेश कुमार चीनी ने प्रवचन कार्यक्रम में हिस्सा लिया. उन्होंने स्वामी के चित्र पर पुष्प अर्पित किये. श्री कुमार ने कहा कि धर्म-कर्म के कार्यक्रमों से न केवल मन की शुद्धि होती है, बल्कि आसपास का माहौल भी सुंदर होता है. यहां ज्ञान की गंगा के अलावा साक्षात भगवान की उन अनुभूतियों से भी अवगत होते हैं.

संत की पहचान ब्रह्म ज्ञान से

शिष्य स्वामी यादवेंद्रानंद ने कहा कि तुम पल में वहां पहुंच जाओगे, जहां तुम्हें जाना है. लेकिन, हनुमंत जी प्रभु राम की कृपा से बच गये. आज भी समाज में तथाकथित संत कालनेमि की तरह संत का वेश धारण कर लोगों की श्रद्धा का अनुचित लाभ उठाते हैं. उन्हें ठगते हैं. इसके लिए अनेकों चमत्कार दिखाते हैं. लेकिन संत की पहचान किसी चमत्कार की मोहताज नहीं. संत की पहचान ब्रह्म ज्ञान से होता है.

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