गंभीर बीमारी से ग्रसित है भरनो का मेला उरांव, मदद की लगा रहा गुहार, बीमारी की वजह से पहले ही चली गयी है आंखों की रोशनी
घर में उसकी पत्नी सोमी उरांइन, बेटा दिलीप उरांव (16), मंगरा उरांव (14) व बेटी सरस्वती कुमारी (11) है. 10 वर्ष पूर्व वह खेती-बारी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था. फिर अचानक अज्ञात बीमारी से ग्रसित हो गया. जिससे उसके पूरे शरीर में दर्द होने लगा और आंखों की रोशनी चली गयी. घर में खाने के लाले पड़ गये. पैसा नहीं होने की वजह से उसकी पत्नी व बच्चे उसका इलाज नहीं करा पाये. झाड़-फूंक व झोला छाप डॉक्टर के चक्कर में पड़े रहे.
भरनो : प्रखंड के मारासिल्ली अंबेराटोली निवासी मेला उरांव (50) 10 वर्षों से अज्ञात बीमारी से ग्रसित है. बीमारी की वजह से उसकी आंखों की रोशनी चली गयी है. उसके हाथ, पैर, कमर व गर्दन में हमेशा दर्द रहता है. वह चल फिर नहीं पाता है. इलाज के अभाव में वह जिंदगी व मौत से जूझ रहा है. बीमार मेला उरांव ने प्रशासन से मदद की गुहार लगायी है. क्योंकि उसके पास इलाज के लिए पैसा नहीं है. यहां बताते चलें कि मेला उरांव पेशे से किसान है.
घर में उसकी पत्नी सोमी उरांइन, बेटा दिलीप उरांव (16), मंगरा उरांव (14) व बेटी सरस्वती कुमारी (11) है. 10 वर्ष पूर्व वह खेती-बारी कर अपने परिवार का भरण पोषण करता था. फिर अचानक अज्ञात बीमारी से ग्रसित हो गया. जिससे उसके पूरे शरीर में दर्द होने लगा और आंखों की रोशनी चली गयी. घर में खाने के लाले पड़ गये. पैसा नहीं होने की वजह से उसकी पत्नी व बच्चे उसका इलाज नहीं करा पाये. झाड़-फूंक व झोला छाप डॉक्टर के चक्कर में पड़े रहे.
जिस कारण उसने जवानी में ही खटिया पकड़ लिया. पिछले वर्ष उसे सीएचसी में लाया गया था. परंतु उसे किसी बड़े अस्पताल में ले जाने को कहा गया. परंतु परिवार के पास रांची जाने का किराया नहीं था तो इलाज कैसे करा पाते. फिर उम्मीद छोड़ कर उसे वापस घर लाया. अब स्थिति यह है कि उसकी पत्नी व बच्चों ने पिता के इलाज की उम्मीद छोड़ दी. उसकी पत्नी अब मजदूरी कर बच्चों की परवरिश के साथ साथ उन्हें पढ़ा रही है. उसने सरकार व प्रशासन से इलाज हेतु मदद की गुहार लगायी है.