बिशुनपुर प्रखंड के जवाडीह में संचालित प्राइवेट बॉक्साइट माइंस के समीप गुरुवार को ब्लास्ट के दौरान कोरकोटपाठ निवासी 30 वर्षीय गुलशन मुंडा की मौत हो गयी. आनन-फानन में माइंस ओनर के निर्देश पर माइंस कर्मियों द्वारा साक्ष्य छुपाने के लिए मृतक को लोहरदगा सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद माइंस प्रबंधन द्वारा लोहरदगा में मृतक का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को यह कहते हुए शव सौंप दिया गया कि गुलशन की मौत बॉक्साइट लोड करने के क्रम में गाड़ी से गिरने से हो गयी.
प्रशासन समेत प्रबंधन द्वारा शव को जल्द दफनाने के लिए परिजन व गांव वालों को प्रेरित किया गया. इसके उपरांत परिजनों ने चौरापाठ बालिका आवासीय विद्यालय के पीछे एक तालाब के किनारे शव को दफना दिया गया.
थाना प्रभारी सदानंद सिंह कहते हैं कि घटना की सूचना न तो हमें माइंस प्रबंधन के द्वारा दी गयी है और न ही गांव वालों द्वारा. मुझे आज सुबह एक ग्रामीण द्वारा फोन कर गाड़ी से गिर कर दुर्घटना होने की सूचना दी गयी. मेरे द्वारा गांव पहुंच कर घटना की सत्यता की जांच की जा रही है. एक मजदूर की मौत हुई है. प्रथम पूछताछ में मामला एक्सीडेंट व ब्लास्ट का भी लग रहा है. जांच अभी जारी है. जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है
गुलशन मुंडा की मौत के प्रत्यक्षदर्शी साथी मजदूर रमेश मुंडा, संजय मुंडा, भगन मुंडा, बितना मुंडा व मनेश मुंडा ने बताया कि गुरुवार की सुबह बॉक्साइट लोड करने हम लोग मदन सिंह के माइंस गये थे, जहां हमलोगों के अलावा एक और गाड़ी लगी थी. दोनों गाड़ी के मजदूरों का काम देख रहे मुंशी ने बारूद, वायर व ब्लास्टिंग से संबंधित अन्य सामग्री दी गयी और नित्यदिन की तरह कहा गया कि ब्लास्टिंग कर बॉक्साइट लोड कर ले जाओ. इसके बाद हमलोगों ने सब्बल से 15 होल तैयार कर ब्लास्टिंग की तैयारी की गयी.
वहीं दूसरी गाड़ी के मजदूरों द्वारा भी सात हॉल तैयार कर ब्लास्टिंग की तैयारी की गयी थी. इसके बाद हमलोगों ने एक साथ ब्लास्टिंग वायर में माचिस मार कर दूर जाकर छिप गये, परंतु ठीक से हमलोगों ने ब्लास्ट की गिनती नहीं सुन पाये और एक ब्लास्टिंग शेष रह गयी थी, जिसे देखने गुलशन मुंडा गया और जैसे ही उक्त स्थल पर पहुंचा. लगाया गया बारूद ब्लास्ट कर गया और मौके पर ही गुलशन उसकी चपेट में आकर तड़पने लगा. इसकी जानकारी हमलोगों ने मुंशी को दी, तो मुंशी ने अविलंब माइंस ओनर को फोन कर घटना की जानकारी दी. इसके उपरांत मृतक समेत हमलोगों को बॉक्साइट ट्रक में बैठाकर लोहरदगा ले जाया गया और हमलोगों को अस्पताल अंदर जाने से माइंस के मालिकों द्वारा मना कर दिया गया था. इसके बाद मृतक को हमलोग गांव लेकर पहुंचे और माइंस कर्मी व साहेब लोगों के कहने पर उनका दाह संस्कार कर दिया गया.