झारखंड : आदिम जनजाति समुदाय की चौथी क्लास के बच्चे के हाथ में फटा बम, 4 उंगलियां उड़ीं, थानेदार ने की मदद
पिता विनय असुर ने बताया कि वह मजदूरी करता है, जबकि उसकी पत्नी सहिया है. उसके बेटे के पास बम कहां से पहुंचा. यह मैं नहीं जानता. पूछने पर उसने सिर्फ यही बताया कि स्कूल जाने के समय रास्ते से बम मिला था. इधर, चैनपुर थाना प्रभारी ने आदित्य के इलाज का प्रबंध किया. इसके साथ ही कुछ नकद राशि देकर मदद की.
गुमला जिला अंतर्गत चैनपुर प्रखंड के लुपुंगपाठ गांव निवासी 12 वर्षीय आदित्य असुर के हाथ में बम फटने से बायें हाथ की चार उंगलियां उड़ गयीं. पुलिस ने छात्र को गुमला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के बाद छात्र की स्थिति ठीक है. हाथ में बम फटने के बाद चेहरा व पैर में भी चोट लगी है. छात्र के अनुसार सुतली बम से घटना घटी है, जबकि पुलिस आलू बम बता रही है. आदित्य के पिता विनय असुर ने बताया कि वह मजदूरी करता है, जबकि उसकी पत्नी सहिया है. सूचना मिलते ही चैनपुर थाना प्रभारी ने आदित्य के इलाज का प्रबंध किया और आर्थिक मदद भी की.
स्कूल के जाने के दौरान मिला था बम
पीड़ित आदित्य गांव के ही स्कूल में चौथी कक्षा का छात्र है. आदित्य ने बताया कि वह स्कूल जाने के क्रम में शुक्रवार को रास्ते से एक बम पाया था. जिसे वह चुपके से घर में लाकर रख दिया था. सोमवार की रात सात से आठ बजे के बीच वह बायां हाथ में बम पकड़कर दायें हाथे से जलती लकड़ी पकड़कर बम फोड़ना चाहा. वह बम को फेंक नहीं पाया और हाथ में ही बम फट गया. घटना के वक्त आदित्य के अन्य साथी भी थे, परंतु दूसरे छात्रों को बम का छींटा नहीं पड़ा. सिर्फ आदित्य की उंगली उड़ गयी.
चैनपुर थाना प्रभारी ने की आर्थिक मदद
घटना के तुरंत बाद आदित्य को अस्पताल लाया गया. पिता विनय असुर ने बताया कि वह मजदूरी करता है, जबकि उसकी पत्नी सहिया है. उसके बेटे के पास बम कहां से पहुंचा. यह मैं नहीं जानता. पूछने पर उसने सिर्फ यही बताया कि स्कूल जाने के समय रास्ते से बम मिला था. इधर, चैनपुर थाना प्रभारी ने आदित्य के इलाज का प्रबंध किया. इसके साथ ही कुछ नकद राशि भी देकर मदद की, ताकि आदित्य का बेहतर इलाज हो सके.