घाघरा के रिश्वतखोर पंचायत सचिव बिंदेश्वर महतो निलंबित, जानें क्या है मामला
अनुमंडल पदाधिकारी गुमला ने मामले की जांच की थी. जांच में पंचायत सचिव दोषी पाया गया. उपायुक्त ने पंचायत सचिव को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया.
गुमला : विगत चार अक्टूबर को आवास एवं गाय शेड नहीं मिलने से सदमे में ग्रामीण की हुई मौत से संबंधित खबर को प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा ने दोषी घाघरा प्रखंड के बदरी के पंचायत सचिव बिंदेश्वर महतो को निलंबित कर दिया है. साथ ही पंचायत सचिव का मुख्यालय डुमरी प्रखंड में निर्धारित किया गया और निलंबन अवधि में झारखंड सेवा संहिता के नियम 96 के तहत नियमानुसार बीडीओ डुमरी से अनुपस्थिति विवरणी प्राप्त होने पर जीवन निर्वहन भत्ता का भुगतान घाघरा प्रखंड स्थापना से करने का निर्देश दिया है.
उपायुक्त द्वारा निर्देश जारी किये जाने के बाद निर्देश को तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दिया गया है. बताते चले कि खबर को प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद खबर की जांच के लिए गोपनीय शाखा द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी गुमला को प्रकाशित खबर के विभिन्न बिंदुओं पर जांच कर प्रतिवेदित करने का निर्देश दिया गया था. निर्देश के आलोक में अनुमंडल पदाधिकारी रवि आनंद द्वारा विभिन्न बिंदुओं की जांच कर घाघरा प्रखंड अंतर्गत बदरी पंचायत के पंचायत सचिव द्वारा मृतक लाभुक धनेश्वर राम से प्रधानमंत्री आवास योजना एवं गाय शेड योजना का लाभ दिलाने हेतु अवैध रूप से राशि वसूली गयी थी.
इसके बाद भी पंचायत सचिव द्वारा योजना स्वीकृत नहीं किया गया. एसडीओ द्वारा मामले की जांच के बाद संबंधित पंचायत सचिव को दोषी मानते हुए कार्रवाई करने की अनुशंसा की गयी थी. वहीं एसडीओ की जांच प्रतिवेदन के आधार पर उपायुक्त द्वारा दोषी पंचायत सचिव के विरुद्ध कार्रवाई की गयी.