Loading election data...

जीजा ने साले को ईंट भट्ठे में 50 हजार रुपये में बेचा, खुली हवा में सांस लेने के बाद क्या बोला मुन्ना उरांव

Jharkhand News: दिनभर कर्मचारियों की निगरानी में मुन्ना से काम कराया जाता था. शाम होते ही एक कमरे में बंद कर दिया जाता था. 5 माह बाद उसे मुक्त कराया गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 9, 2021 12:42 PM

Jharkhand News: झारखंड के गुमला जिले के घाघरा प्रखंड के हापामुनी गांव निवासी भैया उरांव के 24 वर्षीय पुत्र मुन्ना उरांव को उसके ही जीजा बालेश्वर उरांव ने यूपी के बनारस में एक ईंट भट्ठे में 50 हजार रुपये में बेच दिया था. इस दौरान मुन्ना पर काफी जुल्म ढाये गये. वह भागने का काफी प्रयास करता रहा, लेकिन भाग नहीं पा रहा था. पांच माह बाद मुन्ना को ईंट भट्ठे से मुक्त कराया गया और बुधवार को वह अपने घर पहुंचा. बीजेपी से राज्यसभा सांसद समीर उरांव की पहल पर मुन्ना को मुक्त कराया गया है. खुली हवा में सांस लेने के बाद मुन्ना उरांव ने आपबीती बतायी.

यूपी के बनारस के ईंट भट्ठे से मुक्त कराये जाने के बाद मुन्ना ने बताया कि उसका जीजा उसे उत्तर प्रदेश के बनारस स्थित ईंट भट्ठे में ले गया था और उसे भट्ठा मालिक को सौंप दिया था. मालिक से 50 हजार रुपये लेकर उसका जीजा वापस गुमला के घाघरा आ गया था. मुन्ना ने कहा कि उसे जब पता चला कि उसे बेच दिया गया है तो वह वापस अपने गांव आना चाह रहा था, परंतु भट्ठा मालिक ने उसे बंधक बना लिया था. दिनभर कर्मचारियों की निगरानी में उससे काम कराया जाता था और शाम होते ही एक कमरे में बंद कर दिया जाता था. उससे रात को भी काम कराया जाता था. काम करके मुन्ना परेशान था. वह भागना चाह रहा था, परंतु मौका नहीं मिल रहा था.

Also Read: Jharkhand News: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार की दूसरी वर्षगांठ की तैयारियां तेज, इन योजनाओं की मिलेगी सौगात

किसी प्रकार दूसरे का फोन लेकर उसने अपने परिवार के सदस्य को फोन कर बंधक होने की जानकारी दी. इसके बाद परिवार के सदस्यों ने मुखिया आदित्य भगत को जानकारी दी. भट्ठा पहुंचकर मुन्ना की खोजबीन की गयी, परंतु मुन्ना नहीं मिला. अंत में इसकी जानकारी राज्यसभा सांसद समीर उरांव को दी गयी. समीर उरांव ने उत्तर प्रदेश के भाजपा एसटी मोर्चा के अधिकारियों से संपर्क किया. इसके बाद मुन्ना को ईंट भट्ठा स्थित एक कमरे से मुक्त कराया गया और गुमला लाया गया. मुन्ना उरांव के मुक्त होने पर ग्रामीण प्रभु उरांव, सीताराम उरांव, नारायण उरांव, नीरज भगत, प्रधान उरांव, संजेश उरांव, अजीत मनी पाठक ने समीर उरांव व आदित्य भगत के प्रति आभार प्रकट किया है.

Also Read: Jharkhand News: फंड में हैं लाखों रुपये, लेकिन मानव तस्करी के शिकार बच्चों को नहीं मिलती सुविधाएं, ये है वजह

Posted By : Guru Swarup Mishra

Next Article

Exit mobile version