गुमला में पेयजल विभाग के ही सरकारी मुलाजिम के भाई को मिला पानी सप्लाई का ठेका
उन्हें कई बार मौखिक रूप से शिकायत की गयी थी, परंतु, कभी भी इसकी जांच नहीं करायी गयी, जिसका नतीजा है कि शहर के लोग अक्सर सप्लाई पानी को लेकर दो-चार होते रहे हैं
गुमला शहर में पीने के पानी सप्लाई में भी गड़बड़झाला है. पेयजल विभाग के एक सरकारी मुलाजिम के भाई को ही गुमला शहरी क्षेत्र में पानी सप्लाई का ठेका दे दिया गया है. इसलिए कभी भी पानी सप्लाई में होनेवाली गड़बड़ी की यहां के अभियंता जांच नहीं करते हैं. क्योंकि पानी सप्लाई के नाम पर यहां पैसे का खेल चल रहा है. दूसरी तरफ आम जनता वाटर टैक्स दे रही है, पर उन्हें सही मात्रा में पानी नहीं मिल रहा है. यहां तक की जिन मुहल्लों में पानी सप्लाई नहीं हो रही है, वहां के लोगों को भी वाटर टैक्स भरने के लिए बिल भेजा जा रहा है. जबकि शहर के कई मुहल्ले में पानी सप्लाई बंद है. बता दे कि गुमला में सप्लाई पानी के नाम पर खेल हो रहा है.
इसकी जानकारी गुमला में रह चुके पूर्व अधिकारियों को थी. उन्हें कई बार मौखिक रूप से शिकायत की गयी थी, परंतु, कभी भी इसकी जांच नहीं करायी गयी, जिसका नतीजा है कि शहर के लोग अक्सर सप्लाई पानी को लेकर दो-चार होते रहे हैं. अभी भी घनी आबादी वाले मुहल्लों में पानी सप्लाई बंद है. हालांकि, गुमला के लोगों को नये उपायुक्त से उम्मीद है कि इसमें कुछ सुधार हो, ताकि लोगों को सुचारू ढंग से पानी मिल सके.
पानी सप्लाई की जांच हो:
गुमला शहर में पानी सप्लाई की जांच हो, तो बड़ा घोटाला सामने आयेगा. किस प्रकार पानी के नाम पर भी कमीशनखोरी चल रही है. इसका खुलासा होगा. इसके लिए एक निष्पक्ष अधिकारी से जांच कराने की जरूरत है. क्योंकि लोगों की जरूरत पानी है और इस पानी के नाम पर भी खेला हुआ है. ऐसे वर्षों से चुपके-चुपके पानी सप्लाई का खेल चल रहा है. इसमें विभाग की भूमिका संदेह में है.
जलमीनारों की सफाई नहीं :
हर साल गुमला शहर के जलमीनारों की सफाई करना है. इसके लिए विभाग के पास फंड है. पानी में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करना है, ताकि लोगों के घर तक शुद्ध पानी पहुंच सके. परंतु, यहां शिकायत मिल रही है कि जलमीनार की सफाई नहीं होती. इसलिए अक्सर गुमला में कीटाणु युक्त पानी की सप्लाई होने की शिकायत लोगों द्वारा की जाती रही है. यहां तक कि पानी को शुद्ध करने वाले पाउडर डालने व जलमीनार साफ करने के नाम पर भी खेल होते रहता है.
खराब मशीन की मरम्मत शुरू:
इधर, प्रभात खबर में खराब वाटर मशीन की खबर छपने के बाद संवेदक सोमवार को नागफेनी जलापूर्ति केंद्र पहुंच खराब वाटर मशीन को उठा कर ले गये, ताकि उसकी मरम्मत कर पुन: उपयोग किया जा सके. बता दे की वाटर मशीन महीनों से बेकार पड़ी थी. उसकी मरम्मत पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा था. परंतु, खबर छपते संवेदक हरकत में आया. कार्रवाई से बचने के लिए संवेदक खराब मशीन की मरम्मत कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.