किसान भवन व दुग्ध केंद्र पर बुलंद इंफ्रा कंपनी के ठेकेदार का कब्जा, प्रशासन बेखबर
गुमला में दुग्ध केंद्र बंद हो गया है. किसान भवन पर कब्जा होने से किसानों की बैठक करने की जगह छीन गयी है. जबकि ठेकेदार इन सरकारी भवन को बेखौफ तहस-नहस करने में लगे हैं.
गुमला: गुमला प्रशासन की कमजोरी का फायदा उठाते हुए ठेकेदार ने किसान भवन व दुग्ध केंद्र (दोनों सरकारी भवन) पर कब्जा कर लिया है. कई माह से इन दोनों भवनों पर बुलंद इंफ्रा कंपनी के ठेकेदारों का कब्जा है. यहां तक की दुग्ध केंद्र की चहारदीवारी को भी तोड़ कर हटा दिया है. इतना होते हुए भी गुमला प्रशासन बेखबर है, जबकि ठेकेदार बेखौफ सरकारी भवन को तहस-नहस करने में लगे हैं.
यहीं वजह है कि दुग्ध केंद्र बंद हो गया है. किसान भवन पर कब्जा होने से किसानों की बैठक करने की जगह छीन गयी है. बताते चलें कि गुमला शहर से 13 किमी दूर सिलाफारी हुंडराटोली में 15 करोड़ रुपये की लागत से एकलव्य आवासीय बालक-बालिका मॉडल स्कूल का भवन बन रहा है. यह स्कूल केंद्र सरकार की सबसे बड़ी योजना है. काम शुरू हुए एक साल हो गये, परंतु, कभी जिले के अधिकारियों ने काम की गुणवत्ता की जांच नहीं की. इस कारण ठेकेदार जैसे-तैसे काम कराने में लगे हैं.
यहां तक की सरकार द्वारा निर्धारित मजदूरी दर से भी कम मजदूरी मजदूरों को दी जा रही है. ग्रामीणों ने कहा है कि जब से एकलव्य स्कूल बनना शुरू हुआ है. किसी अधिकारी ने जांच नहीं की और न ही स्थानीय सांसद कभी भवन निर्माण की गुणवत्ता को देखने आये हैं. यहां 15 एकड़ भूखंड पर एकलव्य स्कूल का निर्माण हो रहा है, जिसमें बालक व बालिका के लिए अलग अलग छात्रावास भवन व स्कूल के लिए अलग भवन है.
बुलंद इंफ्रा कंपनी के मैनेजर ने कहा:
इस संबंध में बुलंद इंफ्रा कंपनी के मैनेजर सूरज कुशवाहा ने कहा है कि दुग्ध केंद्र के भवन में अप्रैल 2023 से रह रहे हैं. जबकि किसान भवन को एक माह पहले अपने कब्जे में लिए है. दुग्ध केंद्र में पहले से कोई चहारदीवारी नहीं थी. अगर होगी, भी तो किसी ने तोड़ दी है. हमलोग अभी दोनों सरकारी भवन में रह रहे हैं.
लेकिन जब एकलव्य स्कूल बनेगा, तो हमलोग दोनों भवनों की मरम्मत कर वापस कर देंगे. किसान भवन व दुग्ध केंद्र के भवन में बिना किसी अनुमति व सरकारी आदेश के रहने के बारे में पूछने पर मैनेजर ने कहा कि प्रशासन से किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली हैं. बस मुखिया के मौखिक आदेश पर दोनों भवनों में रह रहे हैं. मुखिया के कहने पर ही हम भवन में आश्रय लिए हुए हैं.