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झारखंड के गुमला शहर में अतिक्रमण पर चला बुलडोजर, पुलिस ने विरोध करने वालों पर किया लाठीचार्ज

गुमला शहर के विभिन्न क्षेत्रों में मंगलवार को अतिक्रमण हटाया गया है. इस दौरान बुलडोजर से अतिक्रमण किए स्थानों को खाली कराया गया. जशपुर रोड में कई फुटपाथी दुकानदारों के विरोध करने पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. इससे कई दुकानदार घायल हो गये.

Jharkhand News: गुमला डीसी एवं एसपी के निर्देश पर मंगलवार को गुमला शहर के थाना रोड, लोहरदगा रोड एवं जशपुर रोड से अतिक्रमण हटाया गया. सदर सीओ केके मुंडू, एसडीपीओ मनीषचंद्र लाल एवं इंस्पेक्टर सह सदर थानेदार मनोज कुमार के नेतृत्व में अतिक्रमण हटाया गया. सड़क किनारे से अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन के तेवर कड़े दिखे. अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन की टीम बुलडोजर साथ लेकर चल रही थी. अतिक्रमण हटाने के दौरान प्रशासन ने किसी की राय-दुहाई नहीं सुनी. जशपुर रोड में कई दुकानदारों ने तो अपनी गुमटियों को आनन-फानन में अन्य दुकानदारों के सहयोग से हटाया. परंतु जो दुकानदार अपनी गुमटी नहीं हटा सके. वैसे गुमटियों पर बुलडोजर का पंजा चला और देखते ही देखते गुमटियां धराशायी हो गयी. जिन दुकानदारों ने बांस-खूंटा और प्लास्टिक से अपनी दुकान खड़ा किया था. उन दुकानों पर भी बुलडोजर चला. वहीं लोहरदगा रोड में जिन दुकानों की सीढ़ी सड़क पर निकली हुई थी. ऐसे दुकानों की सीढ़ियों पर भी बुलडोजर चला. इस दौरान अफरा-तफरी का माहौल रहा.

विरोध करने वालों पर पुलिस ने बरसायी लाठियां

जशपुर रोड में कई फुटपाथी दुकानदारों ने अतिक्रमण हटाने का विरोध भी किया. परंतु दुकानदारों के विरोध का प्रशासनिक पदाधिकारियों पर किसी प्रकार का असर नहीं पड़ा. प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा किसी प्रकार का नरमी नहीं दिखाये जाने पर दुकानदार विरोध में गोलबंद भी हुए. इस दौरान पदाधिकारियों ने दुकानदारों को समझाने का प्रयास किया. परंतु दुकानदार नहीं माने और विरोध करते रहे. जिसपर पुलिस को ऐसे दुकानदारों के ऊपर लाठी बरसानी पड़ी. पुलिस की लाठी से मार पड़ने के बाद कई लोग चोटिल भी हुए. वहीं कई दुकानदारों के गुमटियों एवं दुकान के सामान को भी जब्त कर लिया गया. जब्त गुमटियों एवं सामानों को नगर परिषद के ट्रैक्टर में लोड कर ले जाया गया.

सरकारी संपत्ति पर भी चला बुलडोजर

अतिक्रमण हटाने के दौरान सरकारी संपत्ति पर भी बुलडोजर चलाया गया. जशपुर रोड में कचहरी जाने वाले मोड़ के समीप वन विभाग, गुमला का बोर्ड लगा हुआ था, ताकि लोगों को पता चल सके वन विभाग का कार्यालय उक्त पथ पर आगे है. अतिक्रमण हटाने के दौरान उक्त बोर्ड को भी बुलडोजर से एक झटके में गिरा दिया गया. जिसे जब्त कर नगर परिषद के सफाईकर्मी ट्रैक्टर में डालकर ले गये.

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कपड़ा दुकानदार आधा घंटा तक रहा बेहोश

प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाये जाने के दौरान कपड़ा दुकानदार बॉबी गुप्ता बेहोश हो गये. अतिक्रमण हटाने के विरोध करने वाले दुकानदारों को जिस समय पुलिस के जवान लाठी बरसाते हुए खदेड़ रहे थे. उस समय बॉबी गुप्ता भी चपेट में आ गये. पहले तो उनका सिर चकराने लगा. इसके बाद वे बेहोश हो गये. लगभग आधा घंटा तक वे बेहोश रहे.

अतिक्रमण हटाने का पूर्व में दी गयी थी सूचना : सीओ

इस संबंध में सीओ केके मुंडू ने कहा कि डीसी एवं एसपी के निर्देशानुसार गुमला शहर से अतिक्रमण हटाया जा रहा है. एक सप्ताह पहले ही सड़क किनारे से अतिक्रमण हटाने के लिए सूचित किया गया था, ताकि लोग समय रहते अपनी-अपनी दुकानें हटा ले. मंगलवार को थाना रोड, लोहरदगा रोड एवं जशपुर रोड से अतिक्रमण हटाया गया है. शहर के अन्य मुख्य पथों से भी अतिक्रमण हटाया जायेगा.

गरीब ही क्यों? जीने-खाने भी नहीं देता प्रशासन

प्रशासन द्वारा बल पूर्वक अतिक्रमण हटाने के बाद गरीब दुकानदार एवं सब्जी विक्रेताओं का दो टूक कहना है. गरीब ही क्यों? जीने खाने भी नहीं दे रहा प्रशासन. प्रशासनिक अधिकारी अपने रहने के लिए करोड़ों का भवन बना रही है. घूमने-फिरने के लिए गार्डेन बनाया जा रहा है. जहां भवन की जरूरत नहीं है. वहां भवन बन जा रहा है. परंतु, गरीब लोग दो वक्त की रोटी के लिए दुकान लगा रहे हैं तो प्रशासन उन दुकानों को हटा रहा है. इतना ही नहीं, गरीबों का सामान भी बर्बाद कर रहा है. दुकानदारों ने कहा कि अगर दुकान हटानी थी, तो एक दिन पहले नोटिस देते. गुमला छोटा शहर है. नगर परिषद के दो कर्मचारी घूम जाते, तो हर दुकानदार के हाथ में नोटिस थमा देते. नोटिस थमने से होता कि लोग दुकान लगाने से डरते. परंतु लाउडस्पीकर से हल्ला कर देते हैं कि दुकान हटाये. शहर में दौड़ती गाड़ियों की गड़गड़ाहट में लाउडस्पीकर से क्या बोला जा रहा है, आवाज भी साफ सुनाई नहीं देता. दुकानदारों ने यह भी कहा कि हम सब्जी दुकान कहां लगाये. प्रशासन ही बताये. जहां दुकान लगाने जाते हैं. वहां तो सरकारी भवन खड़ा कर दिया जाता है. शहर के विकास के लिए कोई प्लानिंग नहीं है. जिले में जो अधिकारी आते हैं. अपने मन से गुमला को बर्बाद कर चले जाते हैं. लेकिन यहां के लोगों के जीविका के लिए कोई उपाय नहीं करते हैं.

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फुटपाथ दुकानदारों की सुनिए व्यथा

फुटपाथ पर सब्जी विक्रेता सुमन देवी एवं सुनीता देवी ने बताया कि वे लोग पिछले कई सालों से फुटपाथ पर सब्जियां बेचकर घर-परिवार का खर्चा चला रही है. सब्जी बेचने के बाद जो कमाई होती है. उसी से बच्चों की पढ़ाई-लिखाई से लेकर बीमार पड़ने पर दवा तक का खर्च चल रहा है. हम गरीब हैं. रोज कमाते हैं, तब खाना नसीब होता है. परंतु अब प्रशासन अचानक से अतिक्रमण हटाने के नाम पर दुकान हटा रही है. प्रशासन हमारे साथ अन्याय कर रही है. कपड़ा विक्रेता शेखर गुप्ता व दीपक केशरी ने बताया कि हमेशा से ही गरीबों को सताने का काम किया जाता रहा है. हम गरीब हैं. इसलिए प्रशासन हमें सता रहा है. अतिक्रमण हटाने के नाम पर गरीबों को हटाया जा रहा है. प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर दुकानों को भी तोड़ दिया है. अब जीवन-यापन काफी कठिन होगा.

सोशल मीडिया में छाया रहा मुद्दा

मंगलवार को शहर की साप्ताहिक बाजार थी. अचानक प्रशासन बुलडोजर लेकर सड़क पर उतर आया और अतिक्रमण हटाने लगा. गुमला में कई व्हाटसअप ग्रुप है. अतिक्रमण हटाने का फोटो व वीडियो वायरल होने लगा. व्हाटसऐप ग्रुप में अतिक्रमण हटाने का खूब विरोध हुआ. लोगों ने प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध किया. गुमला के व्यापारियों से लेकर समाजसेवियों ने गरीबों के दुकान का हटाने का सोशल मीडिया में विरोध किया. प्रशासन के खिलाफ बयानबाजी भी की.

रिपोर्ट : जगरनाथ पासवान, गुमला.

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