Jharkhand news: गुमला शहर की बिग इश्यू बाइपास सड़क है. कहा जाये तो बाइपास सड़क गुमला के लिए लाइफ लाइन है, लेकिन वर्ष 2000 से सड़क बन रही है. अबतक सड़क पूरा नहीं हुई. जबकि वर्ष 2016 में इस सड़क का दोबारा शिलान्यास किया गया. लागत भी कई गुणा बढ़ा दिया गया. लेकिन, एनएच विभाग की सुस्ती, फीडबैक कंपनी की लापरवाही और संवेदक की मनमर्जी के कारण बाइपास सड़क पूरा होता नहीं दिख रहा है. सड़क का 80 प्रतिशत कम हो चुका है. मात्र 20 प्रतिशत काम को संवेदक ने लटका रखा है. जिस कारण बाइपास चालू नहीं हो रहा है.
बाइपास सड़क चालू होने में तीन बाधक है. पहला, बाइपास सड़क के बीच में एक पहाड़ है. जिसे बीच से तोड़कर रास्ता बनाना है. पहाड़ को ब्लास्टिंग कर तोड़ दिया गया है, लेकिन बोल्डर पत्थर को हटाया नहीं गया है. दूसरा कारण, कुछ जगह अभी तक सड़क कच्ची मिट्टी का है. वहां अबतक अलकतरा बिछाकर पिच नहीं किया गया है. तीसरा कारण, दो बॉक्स कलवर्ट (पुल) में विंग वॉल का निर्माण अबतक नहीं हुआ है.
अगर यहां से जबरन गाड़ी पार करने का प्रयास किया गया, तो सड़क धंसने के साथ गाड़ी गड्ढे में गिर सकती है. अगर, ईमानदारी से सड़क का काम हो, तो 20 से 25 दिन के अंदर सड़क पूरी हो जायेगी और बाइपास से आवागमन भी चालू हो जायेगा. लेकिन, ठेकेदार मेसर्स संजय अग्रवाल सड़क को तेजी से बनवाने में रुचि नहीं ले रहे हैं.
वहीं, एनएच विभाग संवेदक पर सड़क बनाने को लेकर कोई दबाव नहीं दे रहा है. जबकि अलग से सड़क की देखरेख के लिए रखी गयी फीडबैक कंपनी गलत रिपोर्ट देकर व संवेदक को एडवांस भुगतान कराकर सड़क को पूरा कराने में बाधा बनी हुई है.
गुमला विधानसभा व लोहरदगा संसदीय क्षेत्र में गुमला शहर आता है. सांसद सुदर्शन भगत और विधायक भूषण तिर्की हैं. लेकिन, ये दोनों नेता भी सड़क को बनवाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. जबकि गुमला शहर की बाइपास सड़क मुख्य समस्या है. हालांकि, सांसद ने कई बार केंद्र सरकार से सड़क को बनवाने की मांग कर चुके हैं. एनएचआई विभाग से मिलकर सड़क को जल्द बनाने की मांग किये हैं. इसके बाद भी सड़क बनाने की गति धीमी है, जो काम 15-20 दिन में हो जायेगा. उस काम को वर्षो से लटकाये हुए हैं. गुमला विधायक भूषण तिर्की ने भी सड़क बनवाने को लेकर पहल की. परंतु सांसद व विधायक की बातों को गुमला एनएच विभाग व संवेदक नहीं सुन रहा है. जिसका नतीजा है. सड़क अधूरी है और लोग परेशान हैं.
12.8 किमी सड़क 66.89 करोड़ रुपये की लागत से बन रही है. पूर्व सीएम रघुवर दास ने 18 अप्रैल, 2016 को सिसई में ऑनलाइन शिलान्यास कर 2018 के अप्रैल महीने तक पूर्ण करने का निर्देश दिये थे. लेकिन, अब दो साल से अधिक हो गया. अभी तक सड़क पूरी नहीं हुई है. बाइपास सड़क नहीं रहने के कारण गुमला शहर की 51 हजार आबादी खतरे में है. क्योंकि शहरी क्षेत्र नेशनल हाइवे-43 व 78 के किनारे अविस्थत है. सभी बड़ी गाड़ी शहर से होकर गुजरती है. जिससे आये दिन हादसे हो रहे हैं और लोगों की मौत हो रही है. जाम की समस्या तो लोगों का जीना दूभर कर दिया है. ऊपर से बड़ी गाड़ियां चलने से सड़कों से उड़ते धूल-कण लोगों को बीमार कर रही है.
Also Read: नवरत्नगढ़ की खुदाई से और मिले खुफिया भवन, जमीन के अंदर मिले नक्काशीदार खिड़की और दरवाजे, देखें Picsसड़क बनाने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य के मेसर्स संजय अग्रवाल को ठेका दिया गया है. 2016 में संजय अग्रवाल ने ठेका लिया था. परंतु छह साल हो गया. सड़क नहीं बनी. संजय अग्रवाल खुद अपने बूते काम कराने में असमर्थ है. इस कारण उन्होंने पांच बार पेटी कांट्रैक्ट में ठेकेदार को काम दिया. अबतक चार पेटी कांट्रैक्टर बदले जा चुके हैं. परंतु काम नहीं करा पाया. अभी पांचवां पेटी कांट्रैक्टर काम करा रहा है. सूत्रों से पता चला है कि संजय अग्रवाल विभाग से सड़क बनाने का पैसा ले लिया है. परंतु वह पेटी कांट्रैक्टर को पैसा नहीं दे रहा है. जिस कारण एक सप्ताह से सड़क का काम नहीं हो रहा है. सिर्फ पहाड़ तोड़ने का काम हुआ है.
फीडबैक कंपनी के टीम लीडर आरके सिंह ने कहा कि मेसर्स संजय अग्रवाल ने झारखंड राज्य में जहां भी काम लिया है. वह समय पर काम पूरा नहीं करा पाया है. हमलोग प्रयास कर रहे हैं कि गुमला की बाइपास सड़क मार्च माह तक बन जाये.
NH के एग्जिक्यूटिव इंजीनियर विजय कुमार ने कहा कि मैं पांच माह से सड़क का काम देख रहा हूं. काम की रफ्तार से मैं संतुष्ट नहीं हूं. मैं संवेदक को बार-बार कह रहा हूं कि जल्द सड़क बनाये. ऊपर के अधिकारियों का भी दबाव है. प्रयास रहेगा. जल्दी सड़क बनें.
Also Read: गुमला : धंस रहे पुल को तोड़ा, अब नये सिरे से बनाया जायेगा, प्रभात खबर की समाचार का हुआ असरगुमला विधायक भूषण तिर्की ने कहा कि बाइपास सड़क केंद्र सरकार की है, लेकिन अबतक नहीं बनी है. यह विभाग और संवेदक की लापरवाही है. सड़क बनाने में जो लोग हैं. वे तेजी से काम कराये. नहीं तो मुझे कड़ा कदम उठाना होगा.
वहीं, मिशन बदलाव के संयोजक जीतेश मिंज ने कहा कि बाइपास सड़क अबतक नहीं बनना, यह गुमला की जनता के साथ धोखा है. मिशन बदलाव इसे गंभीरता से लेगा. अगर सड़क नहीं बनती है, तो 20 जनवरी के बाद आंदोलन किया जायेगा.
रिपोर्ट : दुर्जय पासवान, गुमला.