Jharkhand news: गुमला जिला स्थित बसिया थाना चौक के समीप कार ने तीन लोगों को रौंद दिया. जिससे एक 12 वर्षीय बच्ची की मौत हो गयी, जबकि दो लोग घायल हैं. मृतका का नाम प्रिया कुमारी (12 वर्ष) है. वहीं, घायलों में बसिया निवासी रेखा देवी (32 वर्ष) और उपकार सिंह (17 वर्ष) है. घायलों को रेफरल अस्पताल बसिया में भरती कराया गया. जहां चिकित्सकों ने उपकार सिंह को सदर अस्पताल गुमला रेफर कर दिया. जबकि घायल प्रिया कुमारी को बेहतर इलाज के लिए रिम्स रेफर किया गया था. लेकिन, रास्ते में लोधमा के समीप उसकी मौत हो गयी. इधर, अस्पताल में अव्यवस्था पर ग्रामीणों ने हंगामा किया. यहां मरीजों का सही से इलाज नहीं करने का आरोप लगाया गया. साथ ही अस्पताल में घायल के इलाज से पहले डॉक्टर द्वारा उसके परिजनों को खोजते नजर आये. घायलों के इलाज में देरी होने को लेकर लोग आक्रोश में आये और हंगामा किये.
चालक को झपकी आने से हादसा हुआ
जानकारी के अनुसार, रविवार को गुमला निवासी देवनंदन साहू कार में अन्य दो लोगों के साथ गुमला से बसिया होते हुए तोरपा की ओर जा रहे थे. इसी क्रम में मेन रोड में बसिया थाना चौक से 200 मीटर की दूरी पर उन्हें अचानक झपकी आ गयी. जिससे कार अनियंत्रित होकर सड़क किनारे स्थित शेड से टकराते हुए अपने घर के समीप खड़े उपरोक्त तीनों को अपनी चपेट में ले लिया. जिससे वे घायल हो गये. घटना के बाद वहां अफरा-तफरी मच गयी. घटना के बाद घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया. ग्रामीणों द्वारा अस्पताल की अव्यवस्था को देखकर चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रश्मि मिश्रा पर गुस्सा दिखाते नजर आये.
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कागजी कार्रवाई से पहले इलाज शुरू हो : पंकज
घायल प्रिया कुमारी की स्थिति नाजुक है. उसे जब अस्पताल लाया गया तो डॉक्टर द्वारा इलाज करना छोड़ उसके परिजन को खोजने लगे. इससे लोग आक्रोशित हो गये. हालांकि प्रिया की स्थिति को देखते हुए तुरंत उसे रांची रेफर कर दिया गया. प्रिया को रांची ले जाने के लिए परिवार के पास पैसा नहीं था. समाजसेवी पंकज सिंह ने कहा कि पांच हजार रुपये चंदा कर परिवार की मदद की गयी. लेकिन, रास्ते में प्रिया की मौत हो गयी. पंकज सिंह ने कहा कि अस्पताल की जो व्यवस्था है. अगर अस्पताल के लोग एक्टिव नहीं रहेंगे, तो इससे मरीज की जान चली जायेगी. उन्होंने गुमला डीसी से अस्पताल की व्यवस्था सुधारने एवं मरीज के पहुंचने पर तुरंत इलाज शुरू कराने की मांग की है. जिससे किसी घायल को बचाया जा सके.
रिपोर्ट : दुर्जय पासवान, गुमला.