Jharkhand News: झारखंड के पहाड़ों की मल्लिका नेतरहाट घाटी स्थित मिलिट्री मोड़ के पास खाई के नीचे सोमवार की सुबह फिर एक कार गिर गयी. कार में पांच युवक थे, जो रांची के हेहल पहानटोली से नेतरहाट घूमने जा रहे थे. कार गिरने के बाद कार खाई के एक पेड़ में जा फंसी. जिस कारण पांचों युवकों की जान बच गयी. हालांकि, पांचों युवकों को हल्की चोट लगी है. प्राथमिक उपचार के बाद सभी युवक सकुशल हैं. अभी भी कार खाई में फंसी हुई है. जिसे निकालने का प्रयास पुलिस द्वारा की जा रही है. बताया जा रहा है कि जब कार खाई में गिरी, तो पांचों युवक किसी प्रकार कार से निकले और खाई के ऊपर चढ़े. घटना की सूचना के बाद बिशुनपुर थानेदार सदानंद सिंह पहुंचे और घायलों का हालचाल पूछा.
सुबह तीन बजे नेतरहाट जा रहे थे
नेतरहाट घाटी स्थित मिलिट्री मोड़ से 300 मीटर पहले अनियंत्रित होकर कार लगभग 50 फीट खाई में जा गिरी. हालांकि, घटना में कोई हताहत नहीं हुआ. गाड़ी में सवार सभी लोग सुरक्षित हैं. घटना के संबंध में गाड़ी में सवार युवक राहुल बेक, रमेश कच्छप, नीरज तिर्की एवं सूरज उरांव ने बताया कि सभी लोगों ने आपस में मिलकर नेतरहाट घूमने का योजना बनाया. जिसके बाद सोमवार की सुबह तीन बजे कार में सवार होकर नेतरहाट के लिए निकले ताकि सनराइज देख सके. लेकिन, नेतरहाट पहुंचने से पूर्व मिलिट्री घाटी से लगभग 300 मीटर से पहले गाड़ी का नियंत्रण खराब हो गया और वह खाई में जा गिरी.
तीन दिन पहले दो युवकों की हुई थी मौत
तीन दिन पहले मिलिट्री मोड़ के समीप एक कार खाई में गिरने से दो छात्रों की मौत हो गयी थी. जबकि चार युवक घायल हो गये थे. तीन दिन में यह दूसरी घटना है. जब पर्यटकों से भरी कार खाई में गिरी है. हालांकि सोमवार को हुए हादसे में पांच युवक बाल-बाल बच गये. अगर कार पेड़ में नहीं फंसती तो यहां बड़ा हादसा हो सकता था.
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नेतरहाट घाटी का यू-टर्न सबसे खतरनाक जगह है. सबसे अधिक हादसे यहीं होते हैं. हालांकि, यू-टर्न का यह हिस्सा घाटी की सबसे चौड़ी सड़क है. परंतु, आमने-सामने से गाड़ी आने पर स्पीड पर नियंत्रण जरूरी है. क्योंकि जब घाटी से नीचे की ओर गाड़ी आती है तो रफ्तार अधिक रहती है. जिससे आमने-सामने टकराने के अलावा संतुलन खोने पर खाई में गिरने का डर बना रहता है.
करोड़ों रुपये का राजस्व, फिर भी पर्यटकों की सुरक्षा का ख्याल नहीं
नेतरहाट घाटी में हर दो-तीन साल में कुछ न कुछ काम होता है. कभी सड़क की मरम्मत होती है, तो कभी गार्डवाल का निर्माण किया जाता है. लेकिन, खाव-पकाव के कारण गुणवत्तायुक्त काम नहीं हो पाता है. नेतरहाट घाटी की सड़क और गार्डवाल हर समय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता रहा है. जबकि पर्यटकों से हर साल करोड़ों रुपये का राजस्व प्राप्त होता है. इसके बाद भी पर्यटकों की सुरक्षा का ख्याल नहीं रखा जाता है.
प्राकृतिक सौंदर्य को देखने सैकड़ों सैलानियों का होता है आगमन
तरहाट को झारखंड की मल्लिका कहा जाता है. जहां प्रतिदिन प्रकृति का सौंदर्य को देखने के लिए सैकड़ों सैलानियों का आगमन होता है. लेकिन, नेतरहाट पहुंचने से पूर्व तीखी घाटी है जो काफी संकीर्ण एवं असुरक्षित भी है. जिस कारण आये दिन सैलानियों एवं अन्य वाहन अनियंत्रित होकर सीधे खाई में जा पहुंचती है. जिससे अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है. इसके बावजूद प्रशासन द्वारा नेतरहाट घाटी को चौड़ीकरण या गार्डवाल देकर सुरक्षित करने का काम नहीं किया जा रहा है. जबकि नेतरहाट के पर्यटकों से सालाना करोड़ों का राजस्व विभाग को प्राप्त होता है. फिर भी अब तक नेतरहाट घाटी को चौड़ा कर उसमें गुणवत्तापूर्ण गार्डवाल नहीं बनाया गया है. जिस कारण डेंजर जोन तीखा मोड़ बनाये गये गार्डवाल पूरी तरह टूट चुका है. जिससे आये दिन दुर्घटना हो रही है. अगर यही हाल रहा, तो निश्चित तौर पर आने वाले दिनों में नेतरहाट जैसे खूबसूरत पर्यटक स्थल पर लोगों का आवागमन कम हो जाएगा.
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