Jharkhand News: प्रकृति की वादियों में मनाइए नये साल का जश्न, ये लोकेशंस पिकनिक का आनंद करेंगे दोगुना
Jharkhand News: नववर्ष में पूरा गुमला पर्यटन स्थल नजर आता है. कहीं नागपुरी, तो कहीं फिल्मी तो कहीं भोजपुरी फिल्मों के गीतों पर युवक थिरकते नजर आते हैं. गुमला में कई पर्यटक स्थल हैं, जहां घूम सकते हैं.
Jharkhand News: पग-पग पर हसीन वादियां. दक्षिणी कोयल व शंख नदी की इठलाकर बहती जलधारा. ऊंचे पहाड़. घुमावदार रोड. घने जंगलों के बीच बसे गांव. पहाड़ की चोटी पर सुंदर तालाब व हरे-भरे पेड़. कोयल की कूक. चिड़ियों की चहचहाहट. ऐसा लगता है कि गुमला जिले को प्रकृति ने खुद संवारा है. यहां का नैसर्गिक वातावरण बरबस ही सैलानियों को खींच लाता है. नववर्ष में पूरा गुमला पर्यटन स्थल नजर आता है. कहीं नागपुरी, तो कहीं फिल्मी तो कहीं भोजपुरी फिल्मों के गीतों पर युवक पहाड़ की कंदराओं, घने जंगल व नदियों के किनारे थिरकते नजर आते हैं. गुमला में कई पर्यटक स्थल हैं, जहां घूम सकते हैं.
गुमला से 50 किमी दूर चैनपुर व जारी प्रखंड के बॉर्डर में श्रीनगर नदी है. यह ठीक मुख्य सड़क के किनारे हैं. यहां दूर-दूर तक नदी का नजारा व जंगल देख सकते हैं. इस नदी से राजा रानी के पहाड़ बनने व नाविक सहित कई कहानियां हैं. नये साल में लोगों के लिए घूमने-फिरने का यह सुगम पर्यटक स्थल के रूप में उभरने लगा है.
नेतरहाट जाने के रास्ते पर बनारी नदी है. यह मुख्य सड़क के किनारे है. नये साल में यहां अब लोगों की भीड़ उमड़ती है. परिवार के साथ यहां लोगों को नये साल की खुशी मनाते देखा जाता है. वहीं बसिया प्रखंड मुख्यालय के कोयल नदी तट व जोलो नदी तट के समीप भी लोगों की भीड़ नये साल में उमड़ती है.
गुमला शहर से सटे सारू पहाड़ की सुंदरता अब बढ़ गयी है. यहां सोकराहातू घाटी की सड़क भी चकाचक बन गयी है. सड़क के दोनों छोर पर जंगल का मनोरम नजारा पर्यटकों को इस बार लुभा रहा है. सुबह 10 बजे से दिन के तीन बजे तक यहां घूमने फिरने का बेहतर समय है. इसके अलावा दुंदुरिया बरिसा टोंगरी में भी घूमने फिरने का अच्छी जगह है, परंतु यहां खाने पीने का सामान लेकर जाना होगा.
चैनपुर व डुमरी प्रखंड के बॉर्डर में स्थित अपरशंख जलाशय अब पिकनिक स्पॉट बन गया है. यहां नये साल में लोग घूमने पहुंचते हैं. अपरशंख के आसपास की बनावट लोगों को मनमोह लेता है. इसके अलावा बसिया के धनसिंह, गुमला के कतरी, घाघरा के मसरिया डैम भी पिकनिक स्पॉट के रूप में उभर रहा है.
कामडारा प्रखंड के पहाड़ गांव आमटोली मंदिर देखने व घूमने नववर्ष में लोग पहुंचते हैं. यह नक्सल इलाका है. इसके बाद भी लोगों का यहां से जुड़ाव है. रायडीह प्रखंड के वासुदेव कोना मंदिर भी घूमने व पूजा करने लोग पहुंचते हैं. वासुदेव कोना मंदिर सड़क से कुछ दूरी पर है. वहीं जारू में रूद्रपुर मंदिर व डुमरी में सीरासीता में भी लोग नये साल में घूमने जाते हैं.
पालकोट प्रखंड के गोबरसिल्ली, मलमलपुर, सुग्रीव गुफा, निर्झर झरना देखने जा रहे हैं तो एकबार जरूर देवगांव गुफा भी देखें. पहाड़ के अंदर यहां मंदिर है. यह काफी प्राचीन है. आसपास मनमोहक नजारा है. अगर देवगांव जा रहे हैं तो खाने-पीने का सामान लेकर जायें. गुफा तक गाड़ी जाती है.
गुमला में कहीं भी घूमने जा रहे हैं. सुबह 10 बजे तक पहुंच जायें और शाम ढलते पांच बजे तक वापस लौट जायें. पिकनिक स्पॉट जाने से पहले जरूरत के समान ले लें. जैसे खाने के लिए पकवान और पानी. पानी का इंतजाम जरूर रखें. नजदीक के थाना का नंबर भी जरूर अपने पास रखें.
रिपोर्ट: जगरनाथ/अंकित