जगरनाथ पासवान, गुमला :
चैनपुर प्रखंड की छिछवानी पंचायत के चचाली गांव विकास से कोसों दूर है. इस गांव तक जाने के लिए जो सड़क है, वह चलने लायक नहीं है. सड़क पर कीचड़ पसरा रहता है, जिस पर दो पहिया वाहन भी फंस जाता है. ऐसे में चार पहिया वाहन गांव तक ले जाना मुश्किल है. यही वजह है कि चचाली गांव की तीन महिलाओं की मौत एक साल पहले इलाज के अभाव में हो गयी थी. ग्रामीणों ने कहा है कि गांव का विकास आज तक हुआ ही नहीं है. आज भी ग्रामीण विकास योजनाओं के लिए तरस रहे हैं.
Also Read: गुमला में हुए अनाज और चीनी घोटाले पर बरसे BJP नेता, प्रशासन पर लगाया मामला दबाने का आरोप
ग्राम प्रधान ने कहा कि गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती, जिससे मेरी गर्भवती बहू की मौत हो गयी थी. इसके अलावा अन्य दो महिलाओं की भी मौत हुई है. वार्ड सदस्य प्रशांता देवी ने कहा कि बरसात में यह गांव पूरी तरह टापू में तब्दील हो जाता है. ग्रामीण बताते हैं कि सड़क नहीं रहने से बरसात में गांव तक कोई भी गाड़ी नहीं आ पाती है. बीमार पड़ने पर ग्रामीण किसी तरह जुगाड़ बना कर मरीज को अस्पताल ले जाते हैं. समय पर जो मरीज अस्पताल पहुंचता है, तो उसकी जान बचती है. अगर नहीं पहुंचा, तो मरीज की मौत हो जाती है. इस संबंध में कई बार लिखित आवेदन प्रखंड प्रशासन को दिया गया है, पर किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. विद्यार्थियों ने कहा कि स्कूल जाने के क्रम में अगर कपड़े गंदे हो गये, तो उन्हें घर वापस आना पड़ता है. अगर वो पैदल यहां से किसी प्रकार स्कूल के लिए निकलते हैं, तो उन्हें समय से पहुंचना असंभव है. ग्रामीणों ने कहा कि नेता यहां सिर्फ वोट मांगने आते हैं. वोट मिलने के बाद वे यहां के लोगों उनकी परेशानियों को भूल जाते हैं.