चंपाई दा अब कोल्हान के नहीं, सर्कस के बन गये हैं टाइगर : सांसद

सांसद सुखदेव भगत ने गुमला में प्रभात खबर से की विशेष बातचीत

By Prabhat Khabar News Desk | September 2, 2024 10:01 PM

सांसद सुखदेव भगत ने गुमला में प्रभात खबर से की विशेष बातचीत

गुमला

. गुमला में प्रभात खबर से बातचीत करते हुए लोहरदगा सांसद सुखदेव भगत ने कहा है कि चंपाई सोरेन के लिए हम काफी दुखी हैं. दुखी इसलिए हैं कि जिनके हाथों की वे कठपुतली बन गये हैं, वे लोग गोडसे के विचारधारा वाले हैं. चंपाई दा को लोग कोल्हान का टाइगर कहते थे, परंतु वे पहले टाइगर थे. अब वे सर्कस के टाइगर बन गये हैं. मैंने इसलिए कहा है कि चंपाई दा कोल्हान के जिन मुद्दों को लेकर आवाज उठाते आये हैं. अब वे उन मुद्दों पर आवाज नहीं उठा सकते हैं. क्योंकि वे भाजपा के साथ हैं और भाजपा कभी जल, जंगल, जमीन और आदिवासियों की सुरक्षा की बात नहीं करती. भाजपा हमेशा आदिवासियों के अस्तित्व पर सवाल खड़ा करती रही है. जबकि चंपाई दा अक्सर आदिवासी व उनकी रक्षा के लिए आवाज उठाते रहे हैं. परंतु भाजपा में जाने के बाद अब वे आदिवासियों के मुद्दों पर आवाज नहीं उठा सकते हैं. भाजपा अक्सर आदिवासी को वनवासी बोलते रही है. सांसद ने कहा है कि मेरा सवाल है कि जल, जंगल व जमीन की बात करने वाले चंपाई दा अब भाजपा में जाकर क्या इन मुद्दों पर बोल सकते हैं.

मधु, गीता व सीता का क्या हश्र हुआ, सभी देख रहे हैं:

सांसद सुखदेव भगत ने कहा है कि भाजपा के प्रदेश प्रभारी हिमंता विश्वा जो लगातार बांग्लादेशी घुसपैठ करने की बात करते रहे हैं. इस दौरान पांच महीने चंपाई सोरेन राज्य के सीएम रहे. इस दौरान भाजपा के बयान पर चंपाई सोरेन का एक भी ट्वीट क्या दिखा था. कोई एक भी उनकी बात दिखा दें. चंपाई सोरेन ने कहा था कि कोई भी ऐसी बात नहीं है. इसलिए मैंने कहा कि चंपाई दा अब सर्कस के टाइगर हो गये हैं. जब झामुमो में थे, तो कल उनका ज्ञान कहां था और आज जब भाजपा में गये, तो उनका ज्ञान कहां है. इसलिए झारखंड की राजनीति में कोई असर नहीं पड़ेगा. न ही चंपाई सोरेन, न ही लोबिन हेमरोम समेत अन्य नेताओं के भाजपा में जाने से विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को कोई असर पड़ेगा. सांसद ने कहा है कि आपने मधु कोड़ा, गीता कोड़ा व सीता सोरेन की स्थिति देख लिया होगा. आज उन सभी का क्या हश्र हुआ है. जनता इन चीजों को देख रही है. आज जब चंपाई दा व लोबिन हेमरोम भाजपा में गये हैं, तो दोनों के प्रति मेरी सहानुभूति है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version