Chhath Puja 2020 : रांची : झारखंड की हेमंत सरकार ने नदी और तालाब के घाटों पर कुछ शर्तों के साथ छठ मनाने की अनुमति मंगलवार को दी है. इसके साथ ही अब छठव्रती नदी और तालाबों में भी अर्घ्य दे सकेंगे. इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी श्रद्धालुओं से मास्क लगाने के साथ-साथ सोशल डिस्टैंसिंग, सैनिटाइजिंग, दो गज की दूरी बनाकर त्योहार मनाने की अपील की है. साथ ही छठ घाट पर कम से कम श्रद्धालु जायें, ताकि कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार न हो सके. मालूम हो कि पिछले दिनों छठ पूजा को लेकर हेमंत सरकार की गाइडलाइन जारी हुई थी, जिसमें छठव्रतियों को घरों में ही छठ मनाने की बात कही गयी थी, जिसका चहुंओर विरोध होने लगा था.
मंगलवार शाम को राजधानी रांची के प्रोजेक्ट भवन में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कहा कि जनभावना को देखते हुए राज्य सरकार ने तालाबों और नदियों में छठ मनाने की अनुमति प्रदान कर दी है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम को देखते हुए केंद्र सरकार के आदेश के अनुरूप ही गाइडलाइन जारी हुआ था. लेकिन, विपक्ष इसे राजनीतिक रंग दे रहा है, जो सही नहीं है.
श्री सोरेन ने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता राज्य की जनता की सुरक्षा और उनकी जानमाल की रक्षा है. इस त्योहार के माध्यम से अपने परिवार के सदस्यों के लंबी उम्र की कामना की जाती है. कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम में सरकार के साथ-साथ लोगों का भी सहयोग मिल रहा है. दुर्गापूजा और दीपावली में भी लोगों ने अपनी जिम्मेवारी समझी. इस महापर्व छठ में भी लोग जिम्मेवारी समझते हुए मास्क, सोशल डिस्टैंसिंग और सैनिटाइजिंग की महता को जरूर समझे क्योंकि अभी संक्रमण गया नहीं है. वातावरण में अभी भी संक्रमण है.
सीएम श्री सोरेन ने राज्य के लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर अगर हो सके, तो अधिक से अधिक लोग अपने घरों में ही छठ पूजा करें. वहीं, नदी व तालाबों की घाटों पर कम संख्या में श्रद्धालु जायें. यहां भी मास्क और सोशल डिस्टैंसिंग का अनुपालन जरूर करें.
मालूम हो कि पिछले दिनों हेमंत सरकार की ओर से छठ महापर्व को लेकर गाइडलाइन जारी किया गया था. जिसमें नदी और तालाब की जगह अपने घरों में छठ करने की अपील की गयी थी. हालांकि, इस अपील की चहुंओर विरोध होने लगा था. विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के लोगों ने भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस पर पुनर्विचार करने की मांग की गयी थी. विपक्ष ने तो तालाबों में उतर कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था.
Posted By : Samir Ranjan.