Chhath Puja: गुमला में गेंदा फूल और गन्ने की नहीं होगी कमी, किसानों को अच्छी आमदनी की उम्मीद
महापर्व छठ को लेकर गुमला में इस बार गेंदा फूल और गन्ने की कमी नहीं होगी. पिछले साल की तुलना में इस बार किसानों ने अधिक पैदावार की है. इससे इस त्योहार में फूल और गन्ने की अधिक बिक्री की उम्मीद लगाएं हैं. वहीं, बाजारों में सामानों की खरीदारी के लिए छठव्रतियों की भीड़ उमड़ने लगी है.
Chhath Puja: इस साल छठ पूजा में महंगाई पर आस्था भारी पड़ रही है. पिछले साल की अपेक्षा इस साल छठ पूजन में उपयोग होने वाली अधिकांश सामग्रियों की कीमत बढ़ी हुई है. इसके बावजूद छठव्रती खरीदारी में कोई कमी नहीं कर रहे हैं. छठ पूजन सामग्रियों की बिक्री होने वाले प्राय: दुकानों में लोगों की भीड़ देखी जा रही है. जिससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि छठ पूजन सामग्रियों की जमकर खरीद-बिक्री हो रही है. छठ पूजा को लेकर इस बार गुमला में गेंदा फूल और केतारी (गन्ना) की कमी नहीं होगी.
भारी मात्रा में गेंदा फूल और गन्ने की हुई खेती
पिछले साल श्रीदुर्गा पूजनोत्सव, दीपावली एवं छठ पूजा में गेंदा फूल और गन्ने का लगभग 60-70 लाख रुपये का कारोबार हुआ था. लेकिन, इस साल संभावना है कि करीब एक करोड़ रुपये का व्यवसाय होगा. इस साल उपरोक्त त्योहार को देखते हुए जिले के किसानों ने भारी मात्रा में गेंदा फूल एवं गन्ने की खेती की है.
100 एकड़ भूमि पर गेंदा फूल और 50 एकड़ भूमि में गन्ने की खेती
हॉर्टिकल्चर विभाग के अनुसार, पिछले साल किसानों ने 50-60 एकड़ भूमि पर गेंदा फूल एवं 20-25 एकड़ भूमि पर गन्ने की खेती की थी. लेकिन, इस साल गुमला के किसानों ने लगभग 100 एकड़ भूमि पर गेंदा फूल एवं लगभग 50 एकड़ भूमि पर गन्ने की खेती की है. श्रीदुर्गा पूजनोत्सव, दीपावली एवं छठ पूजा आदि त्योहारों में गेंदा फूल की मांग बढ़ जाती है. इसी प्रकार छठ पूजा में गन्ने की मांग बढ़ जाती है. इससे आमदनी भी काफी अच्छी-खासी होती है. जिससे ध्यान में रखते हुए किसान गेंदा फूल और केतारी की बृहत रूप से खेती कर रहे हैं.
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किसानों को होगी अच्छी आमदनी
पूर्व में यहां मांग के अनुरूप गेंदा फूल और गन्ना उपलब्ध नहीं हो पाता था. व्यवसायी बाहर से मंगाकर यहां बिक्री करते थे, लेकिन इस साल गेंदा फूल और केतारी की वृहत रूप से खेती हुई है. लगभग 100 एकड़ भूमि पर गेंदा फूल की खेती किया गया है. जिसमें से 70-80 एकड़ भूमि पर लगे पौधों में फूल तैयार है. प्रति एकड़ भूमि से 50-60 हजार रुपये आमदनी होती है. इसी प्रकार गन्ने भी पिछले साल की अपेक्षा इस साल दोगुना खेती हुई है. इस साल लगभग 50 एकड़ भूमि पर गन्ने की खेती की गयी है. प्रति एकड़ भूमि से लगभग 1.20 लाख रुपये से लेकर 1.50 लाख रुपये तक आमदनी होती है.
किसानों को मिल रहा बढ़ावा
बता दें कि कुछ साल पहले तक गन्ना प्रति पीस पांच रुपये की दर से मिलता था, लेकिन पिछले साल गन्ना प्रति पीस 20 से 30 रुपये की दर से बिक्री हुआ है. स्थानीय स्तर पर गेंदा फूल और गन्ने की खेती होने से जिले में गेंदा फूल और गन्ना को लेकर आत्मनिर्भरता बढ़ी है. किसान भी आर्थिक रूप से उन्नति कर रहे हैं. गेंदा फूल की खेती के लिए उद्यान विभाग की ओर से किसानों को बढ़ावा दिया जा रहा है.
रिपोर्ट : जगरनाथ पासवान, गुमला.