सिमडेगा : शहरी क्षेत्र के घोचो टोली स्थित जनता हॉस्पिटल में बच्चे व मां के इलाज के दौरान मरने से सनसनी फैल गयी. रविवार को मृतक के परिजनों ने जमकर अस्पताल के बाहर हंगामा किया. 15 नवंबर को शाम में अमृता देवी को जनता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अमृता देवी गर्भवती थी. उसके पेट में बच्चा मर चुका था. जिसे बड़ा ऑपरेशन करके जनता अस्पताल में डॉ अनिस बाखला ने मृत बच्चे को निकाला.
ऑपरेशन के बाद महिला की हालत बिगड़ गयी. जनता अस्पताल में ही उसका इलाज चल रहा था. किंतु रविवार को महिला ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. महिला की मौत के बाद परिजनों ने शव की मांग की. किंतु अस्पताल प्रशासन ने इलाज का कुल खर्च के रूप में 54 हजार रुपये की मांग कर रहा था. रुपये नहीं देने पर शव को देने से अस्पताल ने इंकार कर दिया था. पूर्व में मृतका के परिवार के लोगों द्वारा 23 हजार रुपये जमा कराया गया था.
मृतक के पति दीपक तुरी ने कहा कि डॉ की लापरवाही के कारण ही उसकी पत्नी व उसके बच्चे की मौत हुई है. इसके बाद दीपक अपनी मृत पत्नी के शव को मांग रहा था. किंतु अस्पताल प्रशासन ने पूरी राशि नहीं देने पर शव देने से इंकार कर दिया. दीपक तुरी अस्पताल प्रशासन से काफी मिन्नतें की. इसके बाद भी अस्पताल प्रशासन का दिल नहीं पसीजा. इसके बाद मामले की जानकारी मीडिया को हुई.
प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद शव परिजनों को दिया गया : मामला प्रशासन तक पहुंचने के बाद अस्पताल प्रशासन ने शव परिजनों को दे दिया. इस पूरे मामले को उपायुक्त ने गंभीरता से लेते हुए अस्पताल की जांच का आदेश दिया.
सदर अस्पताल के सिविल सर्जन पीके सिन्हा ने बताया कि जनता अस्पताल में बच्चे व महिला की मौत की सूचना पर पूरे मामले की जांच के लिये मेडिकल टीम का गठन किया गया है. सिविल सर्जन डॉ पीके सिन्हा ने बताया कि मेडिकल टीम में मजिस्ट्रेट राजेंद्र सिंह, डॉ राजेश प्रसाद, डॉ गोपीनाथ महली एवं डॉ जमुना को शामिल किया गया है.