Christmas 2020 : गुमला का कोनवीर नवाटोली चर्च का इतिहास 131 साल है पुराना
Christmas 2020, Jharkhand news, Gumla news, गुमला : झारखंड के गुमला जिला अंतर्गत बसिया प्रखंड स्थित संत अन्ना चर्च कोनबीर नवाटोली की स्थापना सन 1889 में हुई थी. इस संबंध में पल्ली पुरोहित फादर मतीयस टोप्पो ने बताया कि 1889 में मिशन डायरेक्टर फादर ग्रोजां ने फादर लिवंस के मिशन क्षेत्र में मदद के लिए 2 मिशनरी पुरोहितों को भेजा. जिसमें फादर कारडोन व फादर डेहो को तेतरा में नियुक्त किया.
Christmas 2020, Jharkhand news, Gumla news, गुमला : झारखंड के गुमला जिला अंतर्गत बसिया प्रखंड स्थित संत अन्ना चर्च कोनबीर नवाटोली की स्थापना सन 1889 में हुई थी. इस संबंध में पल्ली पुरोहित फादर मतीयस टोप्पो ने बताया कि 1889 में मिशन डायरेक्टर फादर ग्रोजां ने फादर लिवंस के मिशन क्षेत्र में मदद के लिए 2 मिशनरी पुरोहितों को भेजा. जिसमें फादर कारडोन व फादर डेहो को तेतरा में नियुक्त किया.
फरवरी 1889 में तेतरा के प्रधान पुरोहित फादर कारडोन थे. 1889 में फादर लिवंस व फादर ग्रोजां तेतरा आये. जहां 3 दिन रहकर उन्होंने पूरे मिशन कार्य क्षेत्र का परिचय लिया और लोगों की समस्याओं से रूबरू हुए. मिशन कार्यकलाप संबंधी व्यवस्था पर विचार- विमर्श किया. इसी बीच फादर लिवंस, फादर ग्रोजा व फादर कारडोन एक नये मिशन स्टेशन की स्थापना के लिए उपयुक्त जमीन देखने के उद्देश्य से नवाटोली पहुंचे. जहां उनको जगह पसंद आ गयी.
ग्रामीणों ने उनके कामों की सराहना करते हुए अपनी जमीन देने के लिए राजी हो गये. मिशनरियों के कार्यों के प्रति लोगों का आकर्षण, खुशी, विश्वास और समर्पण नवाटोली पल्ली की स्थापना का मजबूत स्तंभ बना. मिशनरी पुरोहितों ने कार्ययोजना के तहत पुरोहितों के रहने के लिए आवास बना. सन 1890 में फादर कार्डो और फादर डेहो तेतरा छोड़कर नवाटोली आ गये. तब से नवाटोली इस क्षेत्र के लिए कैथोलिक विश्वास और प्रेरितिक कार्यों का केंद्र बन गया. ईश्वरीय सत्य मार्ग ओर जीवन का विशाल जीवन वृक्ष बन गया.
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चर्च ने इस क्षेत्र में कई काम किये : गाब्रियल
नवाटोली पल्ली के संबंध में नवाटोली निवासी गाब्रिएल डुंगडुंग ने बताया कि नवाटोली पल्ली की स्थापना अंग्रेजों के शासनकाल में हुआ था. इसके बाद 1895 में नवाटोली पल्ली में बालकों के लिए स्कूल की स्थापना हुई. 1896 में नवाटोली पल्ली की नींव डाली गयी. 26 अगस्त, 1898 को नये गिरजाघर की मीनार पर क्रूस खड़ा किया गया. वर्ष 1911 में पल्ली परिसर में ख्रीस्त राजा की मूर्ति स्थापित की गयी.
12 मार्च, 1925 को उर्सुलाइन धर्मबहनों ने संत अन्ना सिस्टरों से केंद्र की बालिका स्कूल को अपने हाथ में लिया. वर्ष 1941 में फादर ब्लाम्पेन ने शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय (Teacher training college) रांची से नवाटोली स्थानांतरित किया. वर्ष 1955 में फादर डिरेक्स ने बालकों के लिए उच्च शिक्षा की शुरुआत की. वर्ष 1968 में संत उर्सुला अस्पताल की स्थापना हुई. उन्होंने बताया कि मिशन संस्था के प्रवेश के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में इस क्षेत्र का विकास होता गया.
Posted By : Samir Ranjan.