Christmas 2022: ब्रिटिश जमाने में गुमला में बना था बनारी चर्च, युवाओं में क्रिसमस गैदरिंग का उत्साह
नारी लाइन टोली निवासी 84 वर्षीय अल्बर्ट टोप्पो कहते हैं कि शुरुआती दौर में 24 दिसंबर को सभी मसीह परिवार संयुक्त रूप से चर्च जाते थे. मिस्सा प्रार्थना एवं प्रभु यीशु के जन्मदिन पर जागरण होता था. 25 दिसंबर की सुबह अरिसा रोटी सहित अन्य पकवान खाकर पारंपरिक वाद्य यंत्रों के द्वारा नाच-गान करते थे.
Christmas 2022: गुमला जिले के बिशुनपुर प्रखंड के बनारी स्थिति रोमन कैथोलिक चर्च आस्था व विश्वास का प्रतीक है. इस चर्च की स्थापना 1932 में ब्रिटिश फादर डिकाइजर ने की थी. उस वक्त ईसाई समाज के लोगों की जनसंख्या नहीं के बराबर थी. क्षेत्र आदिवासी बहुल था, जहां अंधविश्वास व अशिक्षा काफी थी. ठीक उसी समय फादर डिकाइजर द्वारा बनारी लाइनटोली स्थित संत जोसेफ चर्च की स्थापना की गयी. युवाओं में क्रिसमस गैदरिंग का उत्साह है.
क्रिसमस अब मॉडर्न हो गया
नारी लाइन टोली निवासी 84 वर्षीय अल्बर्ट टोप्पो कहते हैं कि शुरुआती दौर में 24 दिसंबर को सभी मसीह परिवार संयुक्त रूप से चर्च जाते थे. मिस्सा प्रार्थना एवं प्रभु यीशु के जन्मदिन पर जागरण होता था. 25 दिसंबर की सुबह अरिसा रोटी सहित अन्य पकवान खा-पीकर संयुक्त रूप से पारंपरिक वाद्य यंत्रों के द्वारा नाच-गान करते थे. बुजुर्ग से लेकर बच्चे इसमें शामिल होते थे. परंतु अब पर्व मनाने का तरीका मॉडर्न हो गया है. 65 वर्षीय प्रकाश बड़ा कहते हैं कि समय के साथ आनंद में भी परिवर्तन हुआ है. शुरुआती दौर में हम सब महिला, पुरुष व बच्चे मिलकर एक साथ नृत्य संगीत का आनंद उठाते थे. अब बिल्कुल समय बदल चुका है. गैदरिंग में सिर्फ युवा-युवती ही मस्ती करते दिखते हैं.
क्रिसमस गैदरिंग में करेंगे खूब मस्ती
युवती निर्मला बड़ा कहती हैं कि 24 दिसंबर (शनिवार) को हम लोगों द्वारा क्रिसमस पर्व पूरे धूमधाम से मनाया जाएगा. घर की साफ-सफाई से लेकर चरनी एवं साज-सज्जा की पूरी तैयारी कर ली गयी है. प्रभु यीशु के जन्म उत्सव पर हम सभी शामिल होंगे एवं गैदरिंग में खूब मस्ती करेंगे. रोशन तिर्की कहते हैं कि इस बार क्रिसमस पर्व को लेकर मैं अपने मित्रों को आमंत्रित किया हूं. हम सब मिलकर गैदरिंग में खूब मस्ती करेंगे. इस पर्व का इंतजार सालभर से रहता है.
रिपोर्ट : बसंत साहू, बिशुनपुर, गुमला