Christmas 2022: पहले अखड़ा में नाच-गाकर मनाते थे क्रिसमस, अब युवाओं में डीजे पर गैदरिंग का क्रेज
लौवाकेरा पारिस के बुजुर्ग सिरिल किंडो ने बताया कि आज के क्रिसमस और आज से 20 साल पूर्व के क्रिसमस में जमीन-आसमान का फर्क हो गया है. पहले हमलोग गांव के अखड़ा में मांदर, ढोलक, नगाड़ा के साथ गांव की महिलाएं, बच्चे सभी एक साथ मिलकर पर्व की खुशी मनाते थे. अब युवाओं में डीजे का क्रेज दिखता है.
Christmas 2022: गुमला जिले के पालकोट प्रखंड की नाथपुर पंचायत स्थित संत जॉन गिरजाघर लौवाकेरा की स्थापना 22 साल पहले हुई थी. फादर पात्रिक मिंज द्वारा चर्च की स्थापना की गयी थी. इससे पहले लौवाकेरा पारिस के लोग सात किमी दूर कोनबीर नवाटोली चर्च जाते थे. उस समय बरसात के दिनों में ख्रीस्त विश्वासी नवाटोली चर्च नहीं जा पाते थे क्योंकि लौवाकेरा गांव के नजदीक में तोरपा नदी है. नदी में उस समय पुल नहीं बना था. इन्हीं कारणों और ईसाई धर्म के लोगों के विश्वास व श्रद्धा को देखते हुए 2000 में लौवाकेरा पारिस की स्थापना की गयी. अभी पल्ली पुरोहित फादर निरंजन एक्का हैं. उन्होंने कहा कि अभी पल्ली के अंतर्गत 15-16 गांव के लोग जुड़े हुए हैं. क्रिसमस पर्व की तैयारी अंतिम चरण में है.
क्रिसमस के आयोजन में अब काफी बदलाव
लौवाकेरा पारिस के बुजुर्ग सिरिल किंडो ने बताया कि आज के क्रिसमस और आज से 20 साल पूर्व के क्रिसमस में जमीन-आसमान का फर्क हो गया है. पहले हमलोग गांव के अखड़ा में मांदर, ढोलक, नगाड़ा के साथ गांव की महिलाएं, बच्चे सभी एक साथ मिलकर पर्व की खुशी मनाते थे. गाना गाकर रात भर रीझ-रंग करते थे. घर-घर जाकर देहाती भाषा में झाली मांगते थे. घर-घर जाकर क्रिसमस में रोटी पकवान को इकट्ठा करके एक साथ मिलकर खाते थे. एक सप्ताह पर्व मनाते थे. 62 वर्षीय सेरंतुस किंडो का कहना है कि अब के क्रिसमस और पहले का क्रिसमस पर्व में थोड़ा अंतर हुआ है. उस समय संसाधन की कमी थी. चमक दमक आज जैसी नहीं थी. अब तो एक से बढ़कर एक लाइट व सजावट है. पहले सादगी से त्योहार मना लेते थे.
डीजे साउंड पर क्रिसमस गैदरिंग
गांव के युवक कुलदीप ने बताया कि इस बार क्रिसमस अपने दोस्तों के साथ मिलकर मनायेंगे. हमारा समय है. डीजे साउंड के अलावा गैदरिंग होगी. कई दिनों तक पर्व का उत्साह रहेगा. लौवाकेरा गांव के निर्मल किंडो ने कहा कि ईसाई का सबसे बड़ा पर्व क्रिसमस है. प्रभु यीशु मसीह के जन्म दिन की तैयारी में हमलोग जुट गये हैं. क्रिसमस की रात्रि पारिस में गिरजा के लिए जायेंगे और उसी रात से नाच-गान शुरू होगा और नया साल तक चलता रहेगा.
रिपोर्ट : महीपाल सिंह, पालकोट, गुमला