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सीएम हेमंत सोरेन ने मानव तस्करों से मुक्त बच्चियों को रोजगार का दिया भरोसा, एयरलिफ्ट के जरिये लायी गयीं झारखंड

Jharkhand news, Ranchi news : मानव तस्कारों के चंगुल से मुक्त होकर झारखंड की 45 बच्चियां शनिवार (7 नवंबर, 2020) को रांची पहुंची. दिल्ली से रेस्क्यू कर एयरलिफ्ट के माध्यम से रांची पहुंची इन बच्चियों को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया. इस दौरान मुख्यमंत्री एवं राजमहल सांसद विजय हांसदा ने सुंदरपहाड़ी निवासी नौंवी कक्षा के एक बच्चे की पढ़ाई का खर्च वहन करने की जिम्मेवारी ली. वहीं, वयस्क होने तक सभी बच्चियों को प्रतिमाह 2000 रुपये देने और वयस्क बच्चियों को रोजगार से जोड़ने की बातें मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कही.

Jharkhand news, Ranchi news : रांची : मानव तस्कारों के चंगुल से मुक्त होकर झारखंड की 45 बच्चियां शनिवार (7 नवंबर, 2020) को रांची पहुंची. दिल्ली से रेस्क्यू कर एयरलिफ्ट के माध्यम से रांची पहुंची इन बच्चियों को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया. इस दौरान मुख्यमंत्री एवं राजमहल सांसद विजय हांसदा ने सुंदरपहाड़ी निवासी नौंवी कक्षा के एक बच्चे की पढ़ाई का खर्च वहन करने की जिम्मेवारी ली. वहीं, वयस्क होने तक सभी बच्चियों को प्रतिमाह 2000 रुपये देने और वयस्क बच्चियों को रोजगार से जोड़ने की बातें मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने कही.

शनिवार को झारखंड सरकार ने एयरलिफ्ट के माध्यम से जिन 45 बच्चियों को रांची लाया गया, उसमें रांची, गोड्डा, पाकुड़, पश्चिमी सिंहभूम, दुमका, लातेहार, सिमडेगा और गुमला की बच्चियां शामिल हैं, जिन्हें मानव तस्करों द्वारा दिल्ली काम करने ले गये थे.

इस अवसर पर श्री सोरेन ने कहा कि झारखंड की बच्चियां दूसरे राज्यों में जाकर दाई एवं आया का काम करें. यह पीड़ादायक है. सरकार इसको लेकर चिंतित है. सरकार ने इसपर संज्ञान लिया है. राज्य की बच्चियों को नर्स का प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें हुनरमंद बनाकर रोजगार से जोड़ा गया. उनके आर्थिक स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त हुआ. वे देश के बड़े अस्पतालों में बतौर नर्स की सेवा प्रदान कर रही है.

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उन्होंने कहा कि सरकार का यह संकल्प है कि मानव तस्करी की शिकार बच्चियों को हुनरमंद बनाकर रोजगार से जोड़ा जायेगा. मुख्यमंत्री ने बच्चियों को आश्वस्त किया कि उन्हें चिंतित होने की जरूरत नहीं है. झारखंड महिला सशक्तीकरण की दिशा में अग्रसर है. इन बच्चियों को आत्मनिर्भर बनाने के दिशा में कार्य होगा. बच्चियों की इच्छा के अनुरूप सरकार निर्णय लेगी. वयस्क होने तक सभी बच्चियों को प्रतिमाह 2000 रुपये दिये जायेंगे. वयस्क बच्चियों को रोजगार से जोड़ने का कार्य होगा.

सीएम श्री सोरेन ने कहा कहा कि गरीबी उम्र नहीं देखती है. गरीब का जीवन जन्म से ही संघर्षशील होता है. यही कारण है कि राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्र में निवास करने वाले बच्चे एवं बच्चियां मानव तस्करी के शिकार हो जाते हैं. इन पीड़ित बच्चियों को जबरन दूसरों राज्यमें में इच्छा के विपरीत काम पर लगा दिया जाता है. उन्होंने कहा कि ऐसे में कई संस्थाओं एवं अन्य माध्यमों से बच्चियों पर नजर रखी जाती है. सरकार समय-समय पर ऐसी बच्चियों को रेस्क्यू भी करती है.

एयरलिफ्ट कर दिल्ली से झारखंड पहुंची 45 बच्चियों से मुख्यमंत्री के मुलाकात के दौरान राजमहल सांसद विजय हांसदा, विधायक मथुरा महतो, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव अविनाश कुमार, सचिव पूजा सिंघल, डीके सक्सेना समेत विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे.

Posted By : Samir Ranjan.

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