1.25 लाख हेक्टेयर में धनरोपनी का काम पूरा
गुमला जिला में खरीफ फसलों के खेती-बारी का काम तेजी से हो रहा है. गुमला जिला में धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, मड़ुआ, अरहर, उरद, मूंग, कुल्थी, मूंगफली, तिल, सोयाबीन, सूर्यमुखी, सरगुजा, अंरडी सहित कई प्रकार के खरीफ फसलों की खेती होती है. जिला कृषि विभाग हर वर्ष इन फसलों के आच्छादन का लक्ष्य तय करता है. इसमें सबसे ज्यादा आच्छादन का लक्ष्य धान का रहता है.
मक्का, मड़ुआ, उरद, मूंगफली सहित अन्य खरीफ फसलों की भी अच्छी खेती हुई
गुमला : गुमला जिला में खरीफ फसलों के खेती-बारी का काम तेजी से हो रहा है. गुमला जिला में धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, मड़ुआ, अरहर, उरद, मूंग, कुल्थी, मूंगफली, तिल, सोयाबीन, सूर्यमुखी, सरगुजा, अंरडी सहित कई प्रकार के खरीफ फसलों की खेती होती है. जिला कृषि विभाग हर वर्ष इन फसलों के आच्छादन का लक्ष्य तय करता है. इसमें सबसे ज्यादा आच्छादन का लक्ष्य धान का रहता है.
क्योंकि जिले के किसान सबसे ज्यादा खेती धान की ही करते हैं. हर वर्ष खरीफ मौसम में जिले भर में लगभग 1.88 लाख हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती होती है. इसमें अब तक लगभग 1.25 लाख हेक्टेयर भूमि पर धान रोपनी का काम पूरा हो गया है, जबकि अभी भी काफी किसान धान रोपनी के काम में लगे हुए हैं. इसके अलावा खरीफ के अन्य फसलों की बात करें तो मक्के की लगभग आठ हजार हेक्टेयर भूमि पर खेती होती है.
परंतु इस वर्ष जिले के किसान साढ़े आठ हजार हेक्टेयर भूमि पर मक्का की खेती कर चुके हैं. इसी प्रकार मड़ुआ का हर वर्ष 1600 हेक्टेयर भूमि पर खेती होती है. इसमें अब तक लगभग 1100 हेक्टेयर भूमि पर मड़ुआ की खेती हो चुकी है. वहीं अरहर लगभग पांच हजार हेक्टेयर, उरद साढ़े पांच हजार हेक्टेयर, मूंगफली की लगभग पांच हजार हेक्टेयर भूमि पर खेती हो चुकी है. जो गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष काफी बेहतर रहा है. वहीं किसान अन्य खरीफ फसलों की खेती की तैयारियों में लगे हैं.
जिला कृषि पदाधिकारी डॉक्टर रमेशचंद्र सिन्हा ने बताया कि मॉनसून के आगमन के पहले से गुमला जिला में बारिश हो रही है. जिसका जिले के किसान पूरा-पूरा लाभ उठाते हुए पहले से ही खेतीबारी की तैयारी में लगे हुए थे. हालांकि लॉकडाउन के कारण किसानों को समय पर खाद-बीज नहीं मिल पाया. इसके बावजूद गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष खेती-बारी का काम काफी बेहतर चल रहा है. जो जिले में अच्छी बारिश का परिणाम है. उम्मीद है कि इस वर्ष कृषि विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य से भी ज्यादा भूमि पर खरीफ फसलों का आच्छादन होगा.