फर्श पर सोते हैं कोरोना संक्रमित मरीज
कोरोना संक्रमित कई मरीजों को सोने के लिए बेड नहीं है. स्वास्थ्य विभाग उन्हें फर्श पर सुला रहा है. खाने में आलू का भुंजिया और सोयाबिन बरी की सब्जी मिलती है. छह रोटी में हाफ प्लेट से भी कम रहती है सब्जी. जिससे कई बार मरीजों को भूख लगने पर सूखी रोटी ही खाना पड़ता है.
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भरती मरीजों को खाने में आलू भुंजिया और सोयाबीन मिलता है
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आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीजों ने फोन कर अव्यवस्था की दी जानकारी
गुमला : कोरोना संक्रमित कई मरीजों को सोने के लिए बेड नहीं है. स्वास्थ्य विभाग उन्हें फर्श पर सुला रहा है. खाने में आलू का भुंजिया और सोयाबिन बरी की सब्जी मिलती है. छह रोटी में हाफ प्लेट से भी कम रहती है सब्जी. जिससे कई बार मरीजों को भूख लगने पर सूखी रोटी ही खाना पड़ता है.
यह हाल गुमला सदर अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड का है. इस वार्ड में कोरोना संक्रमित मरीजों को रखा गया है. परंतु मरीजों को जो सुविधा मिलनी चाहिए. वह सुविधा नहीं मिल रही है. जिससे मरीज परेशान हैं. कोरोना संक्रमित कई मरीजों ने फोन कर आइसोलेशन वार्ड की अव्यवस्था की जानकारी दी है.
साथ ही प्रभात खबर के माध्यम से अपनी बातों को जिला के वरीय अधिकारियों तक पहुंचाने की अपील की है. जिससे आइसोलेशन वार्ड में व्याप्त समस्या, कमी, खाने- पीने में बरती जा रही अनियमितता में सुधार हो सके. मरीजों ने कहा कि हमारे इलाज के लिए प्रति मरीज पांच सौ रुपये सरकार दे रही है. परंतु प्रति मरीज जिस प्रकार का पौष्टिक आहार, भोजन, दवा दिया जा रहा है. वह दो से ढाई सौ रुपये तक का है.
मरीजों ने फोन पर बतायी पीड़ा : एक मरीज ने फोन किया. उन्होंने बताया कि पौष्टिक आहार नाममात्र का मिल रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सुविधा देने के नाम पर लाख दावे कर लें. परंतु हकीकत नहीं छिपती. गुमला डीसी से अपील है. एक बार जांच करा लें. स्पष्ट होगा कि किस प्रकार कोरोना मरीजों को रखा जा रहा है. खाने-पीने के बाद प्लास्टिक व अन्य सामग्री बाथरूम के गलियारे में भरा पड़ा है.
परंतु उसकी सफाई नहीं हो रही है. जिससे मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. बाथरूम भी गंदा है. एक मरीज ने कहा कि मैं 10 दिन से आइसोलेशन वार्ड में हूं. लेकिन एक बार भी कोई डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी हालचाल पूछने नहीं आये हैं. गंदगी के कारण बदबू आती है. बड़ी मुश्किल से रह रहे हैं. कोई अधिकारी आता भी नहीं है. जिसे समस्या बता सकें.
आधा-अधूरा सामग्री बांटा जाता है : मरीज ने बताया कि रविवार को ओआरएस बांटा गया. यह भी आधा-अधूरा. कुछ मरीजों को ओआरएस मिला तो कुछ लोगों को दिया ही नहीं गया. पहले हाइड्रोक्लोरिक दवा मिल रही थी. अब सिर्फ गैस की दवा मिल रही है. चिकन, मटन व पनीर की सब्जी 10 दिनों में एक बार भी नहीं मिला है. जब पौष्टिक आहार ही नहीं मिलेगा तो फिर इम्युनिटी पावर कैसे बढ़ेगा. कुछ लोग शाकाहारी हैं. परंतु शाकाहारी के अनुसार पनीर की सब्जी कभी नहीं दी गयी.
पुलिस के जवान फर्श पर सोते हैं : एक मरीज ने कहा कि दो दिन पहले कुछ पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित मिले हैं. उन्हें आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है. परंतु इन जवानों के सोने के लिए बेड नहीं लगाया गया है. इसलिए ये लोग फर्श पर बिस्तर बिछाकर सोते हैं. जवानों को सोने में परेशानी हो रही है. परंतु मजबूरी में वे लोग सो रहे हैं.
मरीजों ने जिस प्रकार बताया :दो अंडा की जगह एक पीस ही अंडा मिलता है. सुबह में आधा लीटर दूध की जगह आधा ग्लास दूध दिया जाता है. एक सेब मिलता है. वह भी कच्चा या फिर सड़ा होता है. दो पीस बन पावरोटी मिलती है. आइसोलेशन वार्ड में जो बेड लगा है. उसमें अक्सर कीड़ा चलते रहता है. मरीज खुद सफाई करते हैं. दोपहर में चावल के साथ आलू या तो सोयाबिन की सब्जी दी जाती है. शाम को छह रोटी के साथ आलू भुंजिया या फिर सोयाबिन की सब्जी रहती है. आधा प्लेट से भी कम सब्जी रहती है. ब्रश, साबुन, तौलिया नहीं मिला है. जबकि नियमत: जो मरीज हैं. उन्हें अलग से तौलिया, कपड़ा देना है. परंतु यहां कोई व्यवस्था नहीं है.
एसडीओ को सौंपा ज्ञापन : गुमला के भक्त ग्रुप के शिशिर कुमार गुप्ता ने एसडीओ जीतेंद्र कुमार देव को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें आइसोलेशन वार्ड में मरीजों को समय से भोजन नहीं मिलने व अन्य समस्याओं से अवगत कराते हुए उसे दूर करने की मांग की है. श्री गुप्ता ने कहा है कि गुमला के नर्सिंग कॉलेज जिसमें कोरोना मरीज भर्ती हैं. उन्हें रहने व खाने-पीने में तकलीफ हो रही है. टॉयलेट की सफाई नहीं हो रही है. भोजन की क्वालिटी पहले से गिर गयी है. जली हुई रोटियां भी दी जाती है. भोजन की मात्रा कम कर दी गयी है. डाॅक्टर इलाज के नाम पर सिर्फ दूर से पूछताछ करते हैं. भोजन वितरण का टाइम टेबल ठीक नहीं है. कई बार दोपहर का भोजन तीन बजे मिलता है.