गुमला : कोरोना संकट (Corona crisis) के बाद लागू लॉकडाउन (Lockdown) से गरीब व मजदूर वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. कई लोगों के समक्ष भोजन की समस्या उत्पन्न हो गयी थी. ऐसे समय में पश्चिमी सिंहभूम की रेखा नायक ने गरीबों व मजदूरों की मददगार बनी है. किस प्रकार रेखा लोगों की मदद कर रही है, पढ़ें दुर्जय पासवान की रिपोर्ट.
लॉकडाउन (Lockdown) अवधि में लगातार मिशन बदलाव किचन का संचालन कर गरीबों के घरों तक भोजन पहुंचा रही हैं पश्चिमी सिंहभूम की कोरोना योद्धा रेखा नायक. रेखा कई गांवों में कैंप लगाकर भोजन का वितरण किया. इतना ही नहीं, दूसरे प्रदेशों से आने वाले मजदूरों (Migrant workers) को भी रेखा ने मदद की.
रेखा ने कहा कि प्रत्येक दिन 600 लोगों को भोजन खिलाने का काम किया है. इतना ही नहीं, जो मजदूर प्रदेश से लौट रहे थे. उनके इलाज के अलावा होम कोरेंटिन में रहने के लिए जागरूक किया गया. उन्हें भी सूखा राशन दिया गया है. रेखा की टीम में मोतीलाल नायक, परखित नायक, अक्षय नायक, रुद्रप्रताप गोंड, मिथिलेश नायक, जगबंधु नायक, चेतन नायक, राजीव नायक, करण नायक, अजय गोंड हैं. इन सभी ने मिलकर हजारों गरीबों को भोजन कराया है.
हुनर के अनुसार मजदूरों को काम मिलें
मिशन बदलाव की रेखा का कहना है कि आज भी दूरस्थ गांव व जंगल पहाड़ों में हमारे गरीब परिवार निवास करते हैं, जहां सरकारी योजना नहीं पहुंच पा रही है. इनमें से दर्जनों गांवों में लॉकडाउन की अवधि में पका हुआ भोजन पहुंचाने का काम किया गया है. मेरा मानना है कि सरकार इस संकट में प्रदेशों से लौटे सभी मजदूरों को उसके हुनर के अनुसार काम दें.
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छत्तीसगढ़ सरकार से मिलकर कर रही काम
रेखा जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विस, रांची से मैनजेमेंट की पढ़ाई की है. अभी वह एनजीओ के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार के साथ जुड़ कर कार्य कर रही है. शुरू से ही रेखा ग्रास रूट में काम करने के बारे में सोचती थी. वह लगातार जनसेवा में लगी रही है. जनसेवा में बृहत काम करने का अवसर लॉकडाउन में मिला. जब वह लगातार गरीबों व मजदूरों को मदद करते नजर आयीं.
Posted By : Samir ranjan.