Coronavirus in Jharkhand : 16 मई तक न्यायिक कार्यों से अलग रहेंगे झारखंड के 30 हजार वकील, JSBC की बैठक में हुआ निर्णय
Coronavirus in Jharkhand News (रांची) : कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के कारण झारखंड के 30 हजार वकील अब 16 मई, 2021 तक न्यायिक कार्य से पूरी तरह से अलग रहेंगे. झारखंड स्टेट बार काउंसिल (JSBC) की रविवार को हुई समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया. इस वर्चुअल समीक्षा बैठक की अध्यक्षता काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण ने की.
Coronavirus in Jharkhand News (रांची) : कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के कारण झारखंड के 30 हजार वकील अब 16 मई, 2021 तक न्यायिक कार्य से पूरी तरह से अलग रहेंगे. झारखंड स्टेट बार काउंसिल (JSBC) की रविवार को हुई समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया. इस वर्चुअल समीक्षा बैठक की अध्यक्षता काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण ने की.
बैठक में जेएसबीसी के पदाधिकारियों ने राज्य के सभी जिला बार एसोसिएशन को निर्देश कि वे अपने स्तर से 17 मई, 2021 से वर्चुअल न्यायिक कार्यों में हिस्सा लेेने का निर्णय ले सकते हैं. उसमें शर्त यह है कि हाईकोर्ट द्वारा जारी किये गये SOP के साथ कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह पालन होना चाहिए.
16 मई तक न्यायिक कार्यों से अलग रहने के दौरान कोविड के PIL की सुनवाई में जो वकील जुड़े हुए हैं, उन्हें वर्चुअल तरीके से सुनवाई में छूट दी गयी है. इस बैठक में जेएसबीसी उपाध्यक्ष राजेश शुक्ल, सचिव राजेश पांडेय, कार्यकारिणी सदस्य संजय विद्रोही सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे.
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पहली बार 17 अप्रैल को हुई थी बैठक
राज्य में कोरोना संक्रमण को देखते हुए झारखंड स्टेट बार काउंसिल की पहली बैठक गत 17 अप्रैल, 2021 को हुई थी. जिसमें 18 अप्रैल, 2021 से राज्य भर के वकीलों को न्यायिक कार्य से अलग रखने का निर्णय लिया गया था. इसके बाद 25 अप्रैल को इसे बढ़ा कर 2 मई, फिर 9 मई और अब 16 मई तक किया गया है.
जेएसबीसी के सचिव राजेश पांडेय ने बताया कि 9 मई तक राज्य के वकील किसी भी तरह के न्यायालय चाहे वह हाईकोर्ट हो, ट्रिब्यूनल, एग्जीक्यूटिव कोर्ट, सिविल कोर्ट, अनुमंडलीय न्यायालय या अन्य कोर्ट हो, इन सभी में वर्चुअल या फिजिकल रूप से भाग नहीं लेंगे. इसके अलावा वकीलों के मुंशी या क्लर्क भी कोर्ट के समक्ष किसी तरह की फाइलिंग 9 मई तक नहीं करेंगे. काउंसिल के निर्णय की जानकारी राज्य के सभी जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव को पत्र के माध्यम से दी गयी है.
Posted By : Samir Ranjan.