Gumla Jharkhand Corona Update गुमला : गुमला जिले के बिशुनपुर प्रखंड के कसमार इलाके में निरासी, बनारी, घाघरा व बिशुनपुर पंचायत हैं. इन चार पंचायतों में 31 गांव हैं. ये सभी गांव घने जंगल व पहाड़ों के बीच है. कई गांवों तक जाने के लिए सड़क व पुल नहीं है. आबादी 20 हजार 920 है. ये चारों पंचायत नक्सलियों (भाकपा माओवादी) का गढ़ ही हैं. अब यहां कोरोना कहर ढा रहा है. पंचायतों से प्राप्त आंकड़े के अनुसार, 10 दिन में 10 लोगों की मौत हो गयी है.
सर्दी, खांसी, बुखार के बाद ऑक्सीजन लेवल गिरने से इनकी मौत की खबर है. इन सभी में कोरोना के लक्षण थे. हालांकि ग्रामीणों की मानें तो मौतों की संख्या इससे कहीं अधिक है. अभी भी कसमार इलाके में 600 से अधिक लोग सर्दी, बुखार, खांसी से पीड़ित हैं. इसमें 80 प्रतिशत लोग गांव के झोलाछाप डॉक्टर व जड़ी-बूटी से इलाज करनेवाले भगत से इलाज करा रहे हैं. वहीं कई इसे जादू-टोना समझ ओझागुनी से झाड़फूंक करा रहे हैं.
सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक 171 लोग इन पंचायतों में कोरोना संक्रमित हैं. परंतु कसमार इलाके के गांवों की जो स्थिति है, यहां हर एक घर में कोई न कोई सर्दी, बुखार, खांसी, गले में खराश व अन्य बीमारी से पीड़ित हैं .
कटिया गांव के भाला महली, चिपरी गांव का बुधना उरांव, लबगा गांव के सहरंग खेरवार, बुधराम खेरवार, हेलता गांव के काशी नाथ महतो, बनालात के बृजमोहन सिंह खेरवार, बनारी लाइन टोली के विनोद किंडो, सोनुआ उरांव एवं बनारी में एक वृद्ध एवं एक वृद्धा की मौत हो चुकी है. इन लोगों ने कोरोना जांच नहीं करायी थी. परंतु इनका लक्षण कोरोना से मिलता-जुलता था.
उत्तम साहू, रवि सिंह, काशी महतो, वर्षा कुमारी, एलेक्सियुस लकड़ा एवं कृष्णा साहू. इन छह लोगों की मौत सरकारी आंकड़े में दर्ज हैं. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार ऑक्सीजन लेवल कम होने से इनकी मौत हुई है.
कोरोना से चीरोडीह, निरासी, हेलता, घाघरा, बनारी, नरमा, सेरका इलाके के गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.
चौरापाठ, डुमर पाठ, सखुआपानी, हाड़ुप, चापाटोली, कटिया में एनएम नहीं हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्पेशल टीम भेज कर उक्त सभी जगह पर सहिया एवं एमपीडब्ल्यू के माध्यम से सर्वे कराया गया है. जिस-जिस घर में बीमार लोग मिले हैं, उन्हें दवा देने की बात स्वास्थ्य विभाग कर रहा है.
कसमार इलाके के अधिकतर गांव में झोला छाप डॉक्टर सक्रिय हैं. लोगों में फैली भ्रांतियां व अंधविश्वास के कारण लोग स्वास्थ्य विभाग के कर्मी के पास अपनी समस्या नहीं रखना चाहते हैं. क्योंकि ग्रामीणों को लगता है कि सरकारी डॉक्टर से इलाज करायेंगे, तो हम लोगों को वैक्सीन लेनी पड़ेगी और हम लोगों की तबीयत खराब हो जायेगी. हालांकि, बीडीओ व सीओ इन गांवों में घूम कर लोगों को जागरूक कर रहे हैं.
पांच दिन पहले एक ओझागुनी को पदाधिकरियों ने मरीजों की जांच करते पकड़ा था. हालांकि मौका देख ओझागुनी भाग गया . बाद में मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
कसमार इलाके के गांवों में कोई सरकारी गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहा है. जैसे पहले लोग रहते थे. उसी प्रकार लोग रह रहे हैं. बाजार लग रहा है. गांव में पर्व बनाया जा रहा है. शादी विवाह हो रहे हैं. इस कारण इस क्षेत्र में संक्रमण फैलने का डर ज्यादा है.
कुल क्षेत्रफल : 425 वर्ग किमी
परिवार की संख्या : 4074
कुल जनसंख्या : 20920
पुरुष जनसंख्या : 10405
महिला जनसंख्या : 10515
स्वास्थ्य उपकेंद्र : सात
निष्क्रिय स्वास्थ्य उपकेंद्र : दो
भवनहीन स्वास्थ्य उपकेंद्र : एक
डॉक्टर : केंद्रों में नहीं आते हैं
झोलाछाप डॉक्टर से करा रहे इलाज, कुछ झाड़फूंक के भरोसे
239 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले बिशुनपुर में 17 दिनों में
171 लोग कोरोना संक्रमण के संदिग्ध हैं चार पंचायतों में
गांव में समस्या है. परंतु प्रशासन द्वारा लगातार गांव का दौरा कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. जेएसएलपीएस एवं समाज कल्याण के कर्मियों द्वारा भी प्रत्येक गांव एवं घर के लोगों का सर्वे किया जा रहा है. जिससे ग्रामीणों की बीमारी के विषय में पता चल सके और उनका इलाज हो.
छंदा भट्टाचार्य, बीडीओ
स्वास्थ्य विभाग की टीम लोगों की जांच कर रही है. 140 सहिया कल से अपने क्षेत्र में डोर टू डोर जा कर सभी सदस्यों की कोरोना जांच करेंगी. रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें दवा दी जायेगी. उन्हें मेडिकल किट भी उपलब्ध कराया गया है.
डॉ आशुतोष कुमार सिंह,
चिकित्सा प्रभारी, बिशुनपुर
पंचायत संदिग्ध
निरासी 43
घाघरा 40
बिशुनपुर 41
बनारी 47
टोटल 171
प्रखंड में गांव की संख्या 68
बीमार से पीड़ित गांव 64
प्रखंड में बीमार लोग 656
गांव में लोगों को सर्दी, बुखार के लक्षण हैं. वे लोग झोलाछाप डॉक्टर से इलाज करा रहे हैं और दवा खा रहे हैं. लोगों को जागरूक कर गांवों में कैंप लगाने की जरूरत है.
सुशील उरांव, ग्राम प्रधान
Posted By : Sameer Oraon