उपायुक्त शशि रंजन ने गुमला जिला के सक्षम लोगों से गरीबों की मदद करने की अपील की है. इसके लिए प्रशासन द्वारा बनाये गये राहत कोष में आवश्यक सामग्री जमा करने की अपील की. सक्षम लोग अनाज, आलू, दाल, तेल, बिस्कुट या किसी भी प्रकार का खाद्य सामग्री प्रशासन को दे सकते हैं. डीआरडीए गुमला में खाद्य सामग्री जमा हो रहा है.
डीसी ने कहा कि लोगों द्वारा मिल रहे राशन को दूर दराज गांवों में रहने वाले गरीबों तक पहुंचाया जा रहा है. जिससे कोई भूखा न सोए. अगर कोई मदद करना चाहते हैं तो प्रशासन के किसी भी अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं. डीडीसी हरि कुमार केशरी को खाद्यान जमा करने की जिम्मेवारी सौंपी गयी है.
डीसी ने बताया कि जमा होने वाले राशन को प्रशासन द्वारा गाड़ी में भरकर गरीबों के घर तक पहुंचाया जायेगा. डीसी ने यह भी बताया कि रायडीह व बसिया प्रखंड में इसी प्रकार गरीबों के घर तक मदद पहुंचाने का काम शुरू कर दिया गया है. सक्षम लोगों ने अभी तक 11 क्विंटल चावल, चार क्विंटल आलू, डेढ़ क्विंटल चूड़ा, नमक, तेल, 400 पैकेट बिस्कुट सहित कई प्रकार की खाने-पीने की सामग्री प्राप्त हुई है. जिसका वितरण गरीबों के बीच किया जा रहा है.
बैठक में डीडीसी हरि कुमार केशरी, प्रशिक्षु आईएएस मनीष कुमार, डीपीआरओ देवेंद्रनाथ भादुड़ी, पथ निर्माण विभाग गुमला के इइ विनोद कच्छप, संवेदक सतीश कुमार सहित कई लोग थे.
विधायक ने दिये 15 लाख रुपये
सिसई विधानसभा के झामुमो विधायक जिग्गा सुसारन होरो ने गुमला प्रशासन को 15 लाख रुपये विधायक फंड से दिये हैं. डीसी ने बताया कि उक्त फंड सिसई विधानसभा क्षेत्र में कोरोना संक्रमण से निपटने में खर्च किया जायेगा. विधायक जिग्गा होरो ने कहा कि इस संकट की घड़ी में सभी लोगों को आगे आकर मदद करनी चाहिए.
राहुल रोडवेज ने 51 हजार दिये
समाज सेवी रमेश कुमार चीनी के राहुल रोडवेज ने इस संकट की घड़ी में कोरोना से निबटने व गरीबों की मदद करने के लिए 51 हजार रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष में दिये हैं. श्री कुमार ने कहा कि अभी गरीब लोग मुसीबत में हैं. क्योंकि लॉकडाउन में काम बंद है. कई परिवार भूखे हैं. ऐसे में गरीबों के घर तक अनाज पहुंचे. इसलिए राहत कोष में 51 हजार रुपये दिया गया है. साथ ही गुमला जिले में जहां भी मेरी जरूरत पड़ेगी. मैं गुमला प्रशासन के साथ हूं.
शहर में बनेगा सामुदायिक किचन
डीसी शशि रंजन ने बताया कि शहर में एक सामुदायिक किचन की स्थापना की जायेगी. जहां गरीब, असहाय व दूसरे राज्य से पहुंचे लोगों को भोजन दिया जायेगा. यहां गरम भोजन मिलेगा.
आदिम जनजातियों तक पहुंचेगा अनाज
बिशुनपुर व घाघरा प्रखंड में सबसे अधिक आदिम जनजाति निवास करते हैं. डीसी ने कहा कि इनके घरों तक अनाज पहुंचाने का काम किया जा रहा है. अगर कहीं कोई परेशानी हो तो लोग बताएं. वहां तुरंत मदद पहुंचायी जायेगी.