Jharkhand News, Gumla News गुमला : कोरोना महामारी के बीच गुमला सदर अस्पताल में तीन महीने में 925 शिशुओं का जन्म हुआ है. सभी शिशु स्वस्थ हैं और कोरोना महामारी से सुरक्षित हैं. इसमें दो गर्भवती महिलाएं कोरोना संक्रमित थीं. परंतु उन्होंने भी स्वस्थ शिशु को जन्म दिया. शिशु को जन्म देने के बाद दोनों महिलाएं कोरोना निगेटिव हो गयी और अब स्वस्थ होकर अपने घर पर हैं.
कोरोना की दूसरी लहर में गुमला जिला में मार्च, अप्रैल व 28 मई तक के संस्थागत प्रसव के संबंध में पूछने पर महिला चिकित्सक डॉक्टर रश्मि कच्छप व डॉक्टर शकुंतला मुर्मू ने संयुक्त रूप से कहा कि तीनों माह मिला कर 925 संस्थागत प्रसव कराया गया है. जिसमें सिजेरियन भी शामिल हैं.
वहीं इन तीन माह में कितने कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं का संस्थागत प्रसव कराने के संबंध में पूछने पर कहा कि मई माह में दो कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया गया है. दोनों प्रसव में बच्चा कोरोना संक्रमित नहीं था. बच्चा स्वस्थ था.
प्रसव के कुछ दिन बाद मां भी कोरोना संक्रमण से निगेटिव हो गयी थी. इससे पूर्व वर्ष 2020 में कोविड आइसीयू आइसोलेशन वार्ड में दो कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं का प्रसव कराया गया था. उनके भी बच्चे कोरोना संक्रमण से मुक्त थे और स्वस्थ थे.
कोरोना काल में गर्भवती महिलाओं को किस प्रकार सावधानी बरतनी चाहिए. इस संबंध में डॉक्टर रश्मि कच्छप व डॉक्टर शकुंतला मुर्मू ने कहा कि गर्भवती महिलाएं सरकार की गाइड लाइन का पालन करें. साथ ही अपने घर परिवार के वैसे सदस्य जो बाहर डयूटी करते या कहीं काम करने जाते हैं. उनके कपड़े, तौलिया, बर्तन व उनकी छुयी हुई वस्तुओं को नहीं छूए.
जिससे वे कोरोना संक्रमित होने से बच सकती हैं. वहीं सुदूरवर्ती क्षेत्र जहां सहिया भी नहीं पहुंच पाती हैं. वैसे क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं को बच्चे के सही विकास व सुरक्षा के लिए क्या करना चाहिए. इस पर कहा कि हरी साग सब्जी, फल, अमरुद, मड़ुवा का सेवन करें. इसके अलावा मटन, चिकन, अंडा व मछली का सेवन करना चाहिए. अगर उनके क्षेत्र में सहिया नहीं पहुंच पा रही हैं, तो वे आंगनबाड़ी केंद्र से जाकर आयरन व कैलशियम की गोली का नियमित सेवन करें. जिससे बच्चे व गर्भवती महिला स्वस्थ रहे.
माह प्रसव
मार्च 358
अप्रैल 317
मई 250
Posted By : Sameer Oraon