राष्ट्रपति व पीएम से पुरस्कृत गुमला में भ्रष्टाचार

गुमला में बैठे पेयजल विभाग के इंजीनियर व ठेकेदार इस योजना का पैसा खाने में लगे हैं. इसलिए योजना के तहत सही से काम नहीं हो रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 10, 2023 12:47 PM

दुर्जय पासवान, गुमला :

गुमला जो अपने प्रकृति सौंदर्य व खेल से जाना जाता है. अभी हाल में ही गुमला को दो अवसरों पर राष्ट्रपति व पीएम ने पुरस्कृत किया है. विकास के मामले में बेस्ट जिले का अवार्ड गुमला को मिला है. परंतु, सिसई पोढ़ा के कोयल नदी में करोड़ों रुपये का छलटा बहना, गुमला की छवि को धूमिल कर रही है. सिसई प्रखंड के लोगों को शुद्ध पानी सप्लाई के लिए 120 करोड़ रुपये से अधिक की राशि से पेयजलापूर्ति केंद्र बन रहा है. कोयल नदी के किनारे काम तेजी से चल रहा है. पोढ़ा पहानटोली के पास नदी में छलटा बनाया गया है, ताकि गर्मी के दिनों में छलटा के माध्यम से नदी की धारा को रोका जा सके और उसे पानी को जलमीनार में स्टोरेज करने के बाद सिसई में सप्लाई की जा सके.

यह काम नल जल योजना के तहत हो रहा है. सरकार का सोच अच्छा है. परंतु, गुमला में बैठे पेयजल विभाग के इंजीनियर व ठेकेदार इस योजना का पैसा खाने में लगे हैं. इसलिए योजना के तहत सही से काम नहीं हो रहा है. इसका नतीजा है कि तीन माह पहले बना छलटा चार दिन की बारिश झेल नहीं सका और बह गया. जबकि इस वर्ष बारिश की स्थिति काफी खराब रही है.

इधर दो, तीन, चार व पांच अक्तूबर को गुमला में भारी बारिश हुई है, जो इस साल की सबसे अधिक बारिश है. अब सवाल है कि अगर चार दिन की बारिश में करोड़ों रुपये का छलटा पल भर में बह गया. अगर यह बारिश हर 10 से 15 दिन में होती, तो इस योजना का क्या हाल होता. छलटा की जांच की गयी, तो पता चला कि इतना घटिया काम तो छोटी नदियों में चेकडैम बनाने में भी नहीं होता है. जिस तरह यहां कोयल नदी में जैसे-तैसे छलटा बना दिया गया. खैर, छलटा तो बह गया. अब यहां इंजीनियर व ठेकेदार मामले को दबाने में लगे हैं, ताकि मामला सरकार तक न पहुंचे. अब गुमला प्रशासन पर निर्भर करता है. इस मामले को दबाते हैं या फिर भ्रष्ट काम पर दोषी इंजीनियर व ठेकेदार पर कार्रवाई करते हैं.

Next Article

Exit mobile version