दुर्जय पासवान, गुमला
भरनो प्रखंड में नल जल योजना की स्थिति ठीक नहीं है. कनीय अभियंता, सहायक अभियंता व संवेदकों पर मिल-जुल कर योजना में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा है. नल जल योजना के तहत प्रखंड में 30 करोड़ रुपये से अधिक का काम हो रहा है. परंतु, कहीं भी काम ठीक नहीं हो रहा है. इंजीनियर से मिल कर संवेदक जैसे-तैसे काम करा कर निकलने में लगे हैं. हालांकि, इसकी शिकायत पेयजल विभाग के कार्यपालक अभियंता मंतोष मनी से की गयी है. उन्होंने जांच कर काम में सुधार करने का आश्वासन दिया है. परंतु, भरनो में हो रहे गलत काम पर सांसद सुदर्शन भगत गुस्सा में हैं.
भरनो के लोगों ने जैसे सांसद को फोन कर नल जल योजना की स्थिति की जानकारी दी. उन्होंने तुरंत पेयजल विभाग के इंजीनियर को फोन कर क्लास ली. सांसद ने कहा है कि काम में सुधार लायें. नहीं तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें. सांसद ने कहा है कि नल जल योजना केंद्र सरकार की सबसे बड़ी योजना है. योजना पर आम जनता का अधिकार है. काम अच्छा होगा, तो लोगों को सालों शुद्ध पानी मिलेगा. परंतु, अगर घटिया काम होगा, तो महीने व दो महीने में योजना डेड पड़ जायेगी. इसलिए गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जायेगा. सांसद ने इंजीनियर से कहा है कि योजना स्थल जाकर किस प्रकार काम हो रहा है, उसकी जांच करें. इसके बाद काम में सुधार कराये. नल जल योजना का काम इंजीनियर की उपस्थिति में हो.
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इधर, भरनो प्रखंड के सांसद प्रतिनिधि रामनंदन शाही ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता को ज्ञापन सौंप कर नल जल योजना में अनियमितता बरतने की शिकायत की है. ज्ञापन में कहा गया है कि केंद्र सरकार की बहुत महत्वाकांक्षी योजना चल रही है, जो पेयजल विभाग से प्राक्कलन के आधार पर निविदा निकाल कर संवेदकों द्वारा एकरारनामा कर कार्य कराया जा रहा है. परंतु भरनो प्रखंड में संवेदक अपने से कार्य कर रहे हैं. एक संवेदक द्वारा नींव खुदाई कर पिलर निकाल कर ऊपर का कार्य कर रहे हैं, जबकि दूसरा संवेदक द्वारा ट्रैक्टर से ड्रील कर कार्य किया जा रहा है.
इसकी जानकारी व प्राक्कलन की मांग कनीय अभियंता से की गयी है. उन्होंने प्राक्कलन उपलब्ध करा दिया, परंतु कार्य की जानकारी मांगने पर बार-बार टाल रहे हैं. जबकि जूनियर इंजीनियर द्वारा कभी बैठक का बहाना बनाया जा रहा है, तो कभी दूसरे काम में फंसने का बहाना किया जा रहा. इससे प्रतीत होता है कि विभाग के अभियंता व संवेदकों की मिलीभगत से कार्य में गड़बड़ी की जा रही है.