Jharkhand News: झारखंड के इस श्मशान घाट में मोबाइल की रोशनी में हो रहा दाह संस्कार, लोगों ने की ये मांग

श्मशान घाट में पोल व बल्ब लगा हुआ है, परंतु बल्ब काफी दिनों से खराब है. शाम होते ही अंधेरा छा जाता है. अगर श्मशान घाट में शव जलाते व शव को ले जाने में रात हुई तो फिर परेशानी झेलनी पड़ती है. गुमला शहर के पालकोट रोड में श्मशान घाट है.

By Guru Swarup Mishra | November 6, 2022 10:57 PM
an image

Jharkhand News: गुमला के श्मशान घाट में बिजली नहीं है. मोबाइल की रोशनी से दाह संस्कार किया जा रहा है, जबकि श्मशान घाट में पोल व बल्ब लगा हुआ है, परंतु बल्ब काफी दिनों से खराब है. शाम होते ही अंधेरा छा जाता है. अगर श्मशान घाट में शव जलाते व शव को ले जाने में रात हुई तो फिर परेशानी झेलनी पड़ती है. गुमला शहर के पालकोट रोड में श्मशान घाट है. यहां हिंदू धर्मावलंबी शवों को जलाते हैं. प्रशासनिक लापरवाही के कारण लोगों को परेशानी हो रही है.

प्रशासन से लोगों ने की अपील

श्मशान घाट की समस्याओं से प्रशासन व स्थानीय जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया गया है, परंतु किसी ने समस्या दूर करने की पहल नहीं की. श्मशान घाट में ठेका-पट्टा करने के नाम पर राजनीति होती आयी है. लोगों ने प्रशासन से अपील की है. एक बार श्मशान घाट की जांच कर वहां की समस्याओं को दूर किया जाये, ताकि दाह संस्कार करने में परेशानी न हो.

Also Read: Jharkhand News: पूर्वी सिंहभूम में बीजेपी की जनसभा 7 नवंबर को, प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश करेंगे संबोधित

राख बहाने के लिए पानी नहीं

यहां शव जलाने की अच्छी व्यवस्था है, परंतु जिस स्थान पर शव को जलाया जाता है. वहां से पानी की व्यवस्था नहीं है. जिस कारण शव जलने के बाद राख को बहाने में परेशानी होती है. बगल में छोटी नदी बहती है, परंतु अक्सर नदी सूी रहती है या फिर कुछ बहुत पानी रहता है तो मवेशी उसमें घुसकर पानी को गंदा कर देते हैं. इस कारण लोगों को परेशानी होती है.

विधायक मद का भवन अधूरा

श्मशान घाट में धूप व बरसात से बचने के लिए एक भवन बन रहा था, परंतु वह वर्षों से अधूरा है. लोगों ने बताया कि यह भवन विधायक मद से बन रहा है, लेकिन विभाग ने काम पूरा नहीं कराया. अभी भवन अधूरा है. हालांकि इसी अधूरे भवन के कुछ हिस्से में पुजारी ने यज्ञ मंडप बना लिया है. श्मशान घाट में बैठने तक की व्यवस्था नहीं है.

Also Read: Jharkhand News: अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य के साथ बड़का पर्व संपन्न, घाटों पर उमड़ी आस्था की भीड़

अच्छी खबर : इलेक्ट्रिक शवदाह गृह बन रहा

अच्छी खबर यह है कि श्मशान घाट में इलेक्ट्रिक शवदाह गृह का निर्माण हो रहा है. परंतु, काम धीमी चलने के कारण इसे पूरा होने में अभी और एक से डेढ़ साल लगेगा. यहां गौशाला बनायी गयी है. वह भी बेकार है. लोगों का कहना है कि गौशाला बनाकर खाली जगह की बर्बादी की गयी. यहां श्मशान घाट की देखरेख करने वालों के लिए क्वार्टर बन रहा है जो अधूरा है.

ये तीन समस्या दूर करना जरूरी

: जिस स्थान पर शव जलाया जाता है. वहां स्ट्रीट लाइट की जरूरत है.

: लंबे समय से खराब पड़े बल्ब व स्ट्रीट लाइट को बदलने की जरूरत है.

: शव जलाने के बाद राख को बहाने के लिए पानी की व्यवस्था जरूरी है.

: श्मशान घाट में लोगों के बैठने के लिए सीमेंट की कुर्सी बनाने की जरूरत है.

की है बिजली आपूर्ति की मांग

श्मशान घाट के केयर टेकर रिया राम ने कहा कि श्मशान घाट की समस्याओं को दूर करने की मांग मैंने कई बार की. जनप्रतिनिधियों को सूचना दी, परंतु यहां लोग सफाई व पेड़ लगाने के नाम पर सिर्फ फोटो खिंचाने आते हैं. समस्या दूर करने की पहल नहीं हो रही है. मिशन बदलाव के जीतेश मिंज ने कहा कि श्मशान घाट में पोल व बल्ब है, परंतु बेकार है. यहां लाइट नहीं जलती है. मोबाइल की रोशनी में दाह संस्कार किया जाता है. मैंने गुमला डीसी से श्मशान घाट में विद्युत आपूर्ति मुहैया कराने की मांग की है.

बिजली नहीं रहने से परेशानी

पूर्व चेंबर अध्यक्ष रमेश कुमार ने कहा कि गुमला शहर में जगह-जगह बल्ब व स्ट्रीट लाइट लगायी गयी है. अनुपयोगी जगह भी बल्ब लगा दिया गया है. इसमें घोटाला हुआ है, परंतु दुर्भाग्य की बात है कि श्मशान घाट में बिजली की उचित व्यवस्था नहीं है. अधिवक्ता सच्चिदानंद गोप ने कहा कि पालकोट रोड में हिंदुओं का प्रमुख स्थल है. जिसे हम अंतिम पड़ाव या श्मशान घाट कहते हैं. परंतु दुख इस बात की है कि अगर शव जलाने में रात हुई तो लोगों को परेशानी होती है. क्योंकि यहां बिजली की व्यवस्था नहीं है.

रिपोर्ट : दुर्जय पासवान, गुमला

Exit mobile version