Cyclone Yaas Impact, Jharkhand Weather News (गुमला) : चक्रवाती तूफान यास का डर खत्म हो गया. शुक्रवार (28 मई, 2021) को गुमला का मौसम साफ नजर आया. सुबह से ही हल्की धूप खिली हुई थी. दोपहर में कुछ हल्की गर्मी का अहसास हुआ. शाम पांच बजे के बाद मौसम पुन: ठंडा हो गया. जिस प्रकार यास तूफान को लेकर लोग डरे हुए थे. शुक्रवार को मौसम साफ होते ही लोगों का डर खत्म हो गया.
इधर, 26 व 27 मई को हुई बारिश से जरूर जनजीवन अस्त व्यस्त रहा. लेकिन, गुमला जिले से बहने वाले नदियों में पानी लबालब हो गया. गर्मी के कारण जो नदियां सूख चुकी थी. बालू दिखने लगा था. उन नदियों में पानी भर गया. यहां तक कि सूख चुका कुआं, तालाब, डोभा, डैम में भी पानी भर गया है. खेतों में नमी आ गयी है. किसानों के लिए फायदा हुआ है. धान की खेती के लिए किसान अभी से तैयारी कर सकते हैं. यास तूफान का अच्छा प्रभाव गुमला जिले के जंगलों में पड़ा है. जंगल में हरियाली छा गयी है. चारों तरफ का माहौल खुशनुमा हो गया है. पूरा जंगल हरा-भरा नजर आ रहा है.
26 व 27 मई को दो दिनों तक 24 घंटे मूसलाधार बारिश हुई है. इससे गुमला जिले में कच्ची मिट्टी के घरों व फसलों को भारी नुकसान हुआ है. हालांकि, प्रशासन इस नुकसान का आकलन करने में जुट गया है. जहां भी क्षति हुआ है. उसका रिपोर्ट तैयार किया जा रहा है. जिससे पीड़ित परिवारों को आपदा के तहत मदद की जा सके. गुमला जिले के सभी 12 प्रखंड से मिले रिपोर्ट के अनुसार, अबतक 50 से अधिक कच्ची मिट्टी के घर ध्वस्त हुए हैं जबकि सैंकड़ों किसानों की सब्जियां बर्बाद हो गयी है.
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दो दिन मूसलाधार बारिश हुई. कृषि विज्ञान केंद्र, गुमला के अनुसार दो दिन में करीब 65.8 मिलीमीटर बारिश हुई है. बारिश ने जहां फसलों को नुकसान पहुंचाया है, वहीं बारिश के कारण सूख चुकी नदी, तालाब व कुआं में पानी जमा हो गया है. फसल बर्बाद होने से जहां किसान आफत में हैं, वहीं नदी, तालाब व कुआं में पानी जमा होने से किसान खुश हैं.
घाघरा प्रखंड के बेलागाड़ा गांव के किसान राजू उरांव, ठेमा भगत, बंदे उराव, सोमसाय उरांव, चंपा उरांव ने कहा कि हमलोगों ने 20 एकड़ से अधिक खेत में सब्जी, तरबूज, टमाटर की खेती किया है. फसल तैयार है, लेकिन बारिश के कारण खेत में ही फसल बर्बाद हो गया. दो दिनों की बारिश से भारी नुकसान हुआ है. हालांकि, इन किसानों ने कुआं, तालाब व नदी में पानी जमा होने पर खुशी जाहिर की है.
कृषि विज्ञान केंद्र, गुमला के डॉ संजय कुमार ने बताया कि किसान करे इस समय अपने खेत में उचित जल निकास प्रबंधन करने की जरूरत है. जिसके कारण खेत में लगी भिंडी इत्यादि की फसल बचायी जा सकती है. साथ ही कतार जमीन में लगी फसलों में भी नुकसान होने की संभावना कम होगी.
डॉ कुमार ने बताया कि जहां यह बारिश किसानों के लिए नुकसानदायक है. वहीं, इस बारिश का हम उचित प्रबंधन करके ज्यादा से ज्यादा लाभ ले सकते हैं. जैसे मौसम खुलने के बाद तुरंत खेतों की मेढ़बंदी कर ले. जिससे खेतों में जलजमाव होगा. नमी ज्यादा दिन तक रुकेगी एवं अगली खरीफ फसल करने में काफी मदद मिलेगी.
साथ ही साथ जो जलस्रोत जैसे कुआं, तालाब, नदी आदि सूख गये थे. उनमें इस समय पर्याप्त पानी का भंडारण हो रहा है. जिसका उपयोग हम आनेवाली फसलों में कर सकते हैं क्योंकि आनेवाले समय में धान एवं अन्य फसलों का बिचड़ा लगाने का समय आ रहा है जो कि पानी के अभाव के कारण अक्सर लेट हो जाया करता है. उसे हम समय पर कर सकते हैं. इस समय आम की फसल काफी अच्छी है. जिन किसानों के मन में डर था कि साइक्लोन में हवा तेज चलेगी, लेकिन ऐसा नहीं होने से आम के किसान काफी खुश हैं.
Posted By : Samir Ranjan.