गुमला के घाघरा नदी को पार करना खतरनाक, अब तक नहीं बना पुल, जा चुकी है एक दर्जन से ज्यादा लोगों की जान

बिशुनपुर प्रखंड के बनालात के समीप घाघरा गांव से कोयल नदी बहती है. इस नदी पर पुल नहीं है. एक चेकडैम बनाया गया है. लोग इसी चेकडैम से होकर सफर करते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | September 22, 2021 1:11 PM

बिशुनपुर प्रखंड के बनालात के समीप घाघरा गांव से कोयल नदी बहती है. इस नदी पर पुल नहीं है. एक चेकडैम बनाया गया है. लोग इसी चेकडैम से होकर सफर करते हैं. एक दर्जन गांव के करीब 11 हजार की आबादी इसी चेकडैम के भरोसे हैं. परंतु नदी में पानी का जलस्तर बढ़ने व अचानक नदी में बाढ़ आने से चेकडैम से पार करने के दौरान कई लोग नदी में बह चुके हैं.

ग्रामीणों की मानें, तो नदी में बहने से अबतक एक दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि बरसात में एक दर्जन गांव चार महीने तक टापू रहता है. नदी के उसपार कटिया, बोरांग, जमटी, टेमरकर्चा, कुमाड़ी, कठठोकवा, खूटीटांड़, जुड़वानी, आसनपानी साहित एक दर्जन गांव हैं. बरसात के दिनों में ग्रामीण अपने राशन से संबंधित चीजों का जुगाड़ करने में लग जाते हैं. फिर भी कई महत्वपूर्ण जरूरत की चीजों के लिए गांव से निकलते हैं और पुल विहीन नदी होने के कारण अपनी जान गंवा बैठते हैं.

कई लोगों की हो चुकी है मौत :

घाघरा नदी में पुल नहीं होने के कारण प्रत्येक वर्ष बाढ़ में लोग बहते हैं. मवेशियों की भी जान जाती है. पिछले 10 सालों की आकलन देखें, तो प्रभावित गांव के कैलाश खेरवार, सघनू नगेसिया, लेडहू लोहरा, गुजरू उरांव, डंकू परहयिया, बालचन लोहरा सहित एक दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है.

लोगों ने बचायी थी जान :

बाढ़ में बहे आसनपानी निवासी भूलन नगेशिया ने बताया कि मैं जब नदी में घुसा, तो नदी में पानी बहुत कम था. परंतु पहाड़ के किसी छोर पानी आया था और जब मैं नदी पर कर रहा था तो चेकडैम से अचानक पैर फिसल गया और मैं नदी में गिर गया. जिससे बहने लगा. बड़ी मशक्कत से मुझे वहां मौजूद लोगों ने मेरी जान बचायी थी.

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