गुमला : नवजात शिशुओं के घर में देखभाल से घाघरा में कम हुई है मृत्यु दर

सहिया कार्यक्रम की सफलता में ग्रामीण बीटीटी सीमा व बबीता का योगदान है. दोनों की मेहनत रंग लाने लगी है, जिसका परिणाम मातृ मृत्यु, शिशु मृत्यु में कमी आयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 23, 2023 1:40 PM

घाघरा प्रखंड में नवजात शिशु का घर में देखभाल से शिशु मृत्यु दर कम हो गयी है. यह सब सहिया दीदियों के कार्यों के कारण हुआ है. यहां तक की मलेरिया, फाइलेरिया, टीबी, कुष्ठ, बीपी, शुगर जैसी बीमारियों से बचाव के लिए भी जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.

सहिया कार्यक्रम की सफलता में ग्रामीण बीटीटी सीमा व बबीता का योगदान है. दोनों की मेहनत रंग लाने लगी है, जिसका परिणाम मातृ मृत्यु, शिशु मृत्यु में कमी आयी है. संस्थागत प्रसव, प्रसव पूर्व देखभाल, शिशुओं का टीकाकरण में वृद्धि हुई है.

सीमा देवी आदर मलगो गांव की रहनेवाली है. बबीता देवी घाघरा बस्ती की है. दोनों अपने कामों की शुरुआत 2006 में सहिया के रूप में शुरू की और अपने सेवा भाव को लेकर अपने कार्यों में निरंतर प्रगति करते हुए आज दोनों प्रखंड प्रशिक्षक दल (बीटीटी) के रूप में 218 सहिया बहनों व 13 सहिया साथी को प्रशिक्षण और उनका सहयोगात्मक पर्यवेक्षण काम करती है. बीटीटी सीमा ने बताया कि मेरी पढ़ाई मैट्रिक तक हुई थी. मैं कार्यक्रम में जुड़ने के बाद महसूस किया कि इस क्षेत्र में काम करने के लिए उच्च स्तरीय शिक्षा की जरूरत है.

तब अपने जिला कार्यक्रम समन्वयक अभिनीत आनंद व राज्य प्रशिक्षक दल आरती श्रीवास्तव के मार्गदर्शन से अभी मैं इग्नू से एमएआरडी कर रही हूं. बीटीटी बबीता देवी ने बताया कि मैं जब काम शुरू किया था, तो मैट्रिक तक ही पढ़ी थी. लेकिन मार्गदर्शन व सहयोग से आज मैं स्नातक तक पढ़ाई की हूं. आज हमारी सहिया बहनें मलेरिया, फलेरिया, टीबी, कुष्ठ, एनसीडी जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं.

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