गुमला
. आंगनबाड़ी सेविकाओं व सहायिकाओं ने अपनी आठ सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल के बीच सोमवार को चंदाली स्थित नये समारहणालय भवन परिसर में धरना-प्रदर्शन किया. आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ झारखंड प्रदेश के संयुक्त मोर्चा के बैनर तले आयोजित प्रदर्शन में राज्य के विभिन्न जिलों की सेविका व सहायिका शामिल हुईं. प्रदर्शन में बैठी सेविकाओं व सहायिकाओं ने अपनी आठ सूत्री मांगों को पूरा करने की मांग को लेकर नारेबाजी की. साथ ही झारखंड सरकार के नाम उपायुक्त गुमला को मांग पत्र भी सौंपा. संघ की प्रदेश अध्यक्ष रीमा देवी ने कहा कि सेविकाओं व सहायिकाओं की मांगों के संबंध में पूर्व में सरकार को अवगत कराया गया है, परंतु सरकार द्वारा मांगों को पूरा करने संबंध में पहल नहीं किये जाने के बाद संघ द्वारा चरणबद्ध आंदोलन किया जा रहा है. धरना-प्रदर्शन व अनिश्चितकालीन हड़ताल उसी चरणबद्ध आंदोलन का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार के नाम उपायुक्त गुमला को मांग पत्र सौंपा गया है. पत्र के माध्यम से सेविका व सहायिका को सरकारी कर्मी घोषित करने, सरकारी कर्मी घोषित होने तक सेविका को 25 हजार रुपये व सहायिका को 12,500 रुपये प्रतिमाह देने, केंद्र व राज्य सरकार की मानदेय को एकमुश्त व पोषाहार की राशि समय पर देने समेत अन्य मांगें की गयी हैं. कहा कि मांग जल्द पूरी नहीं की जाती है, तो 17 अक्तूबर को राजभवन के समक्ष धरना-प्रदर्शन करेंगे. इसके बाद भी मांगें पूरी नहीं की जाती है, तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे. प्रदेश की पूर्व अध्यक्ष फूलमती देवी ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों को आज या कल नहीं, बल्कि 50 सालों से संचालित किया जा रहा है. 1975 से इसकी शुरुआत की गयी थी, जिसमें काम करते हुए किसी का 35 साल तो किसी का 40 साल हो गया. परंतु अभी तक हमारी मांगों को पूरा नहीं की किया गया है. विवश होकर हमें धरना-प्रदर्शन और अनिश्चितकालीन हड़ताल करनी पड़ रही है. कहा कि सरकार ने जो नियमावली बनायी है, उसमें सुधार किया जाये. हमें भी पारा शिक्षकों की तरह सरकारी कर्मी घोषित किया जाये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है