जुलूस में पहली बार दिखा नारी शक्ति का प्रदर्शन
किसी के हाथ में तलवार, तो किसी के हाथ में बलुआ व लाठी दिखी
किसी के हाथ में तलवार, तो किसी के हाथ में बलुआ व लाठी दिखी
गुमला. रामनवमी जुलूस दोपहर बाद शुरू हुई. यह पहला अवसर है जब हनुमान की जन्मस्थली गुमला में नारी शक्ति का प्रदर्शन हुआ. महिलाएं पूरी तरह राममय नजर आयी. युवतियां भी पूरे जोश में थी. किसी के हाथ में तलवार, तो किसी के हाथ में बलुवा व लाठी दिखी. हर रोड में महिलाएं श्रीराम का नारा लगाते नजर आ रही थी. देर शाम को बाइक से महिलाएं जुलूस में शामिल हुई, तो पूरा गुमला नारी शक्ति से गूंज उठा. इस बार की झांकी नारी शक्ति को समर्पित रही. क्योंकि झांकी में महिलाएं भी नजर आयी. शहर की हर गली व हर मोहल्ला राममय हो गया था. महिलाएं सड़कों पर उतर तलवार भांजने लगी. कोई झांसी की रानी की वेश में ढाल व तलवार लेकर जुलूस में नजर आयी, तो कोई लाठी भांज कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. इधर, सुबह से ही गुमला का माहौल भक्तिमय था. वहीं जुलूस को लेकर पुलिस अलर्ट नजर आयी. पुलिस अधिकारी खुद दोपहर में गुमला का भ्रमण किये. शहर के चारों तरफ चेकनाका लगा दिया गया था, ताकि बेवजह वाहन शहर के अंदर न घुसे. पुलिस ने जुलूस के शांतिपूर्ण संचालन के लिए पूरी तैयारी की थी. केंद्रीय महावीर मंडल गुमला के जारी दिशा-निर्देश के अनुसार लोग अनुशासित होकर जुलूस में शामिल हुए. हालांकि, इस बार जुलूस दो घंटे विलंब से शुरू हुआ. संरक्षक रमेश कुमार ने कहा कि जुलूस देर होने की वजह बदलते मौसम का मिजाज था. रमेश कुमार ने कहा कि झंडा तय समय से गुमला में भ्रमण के लिए निकल गया था. परंपरा का निर्वाह्न करते हुए झंडे को हर गली व मोहल्ला में घुमाया गया. शाम सात बजे मेन रोड, सिसई रोड, पालकोट रोड व लोहरदगा रोड में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.