कंस नदी पर बने पुल से आवागमन न करें : डीसी
प्रशासन ने मरम्मत कराने के लिए ग्रामीण विकास विभाग को लिखा पत्र
प्रशासन ने मरम्मत कराने के लिए ग्रामीण विकास विभाग को लिखा पत्र
गुमला.
सिसई प्रखंड के जैरा गांव से बहने वाली कंस नदी में बने पुल का एक पिलर 22 अगस्त को नदी में धंसने के बाद प्रशासन ने मरम्मत कराने के लिए ग्रामीण विकास विभाग को पत्र लिखा है. डीसी कर्ण सत्यार्थी के निर्देश पर विशेष प्रमंडल गुमला के कार्यपालक अभियंता महादेव उरांव धंसे पुल की जांच की. साथ ही पुल के एक पिलर की मरम्मत के लिए विभाग को डीपीआर बना कर भेजा है. गुमला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने ट्विट कर लोगों से अपील की है कि कंस नदी पर बने पुल से आवागमन न करें. पुल पर कभी भी हादसा हो सकता है. क्षतिग्रस्त पुल की मरम्मत के लिए ग्रामीण कार्य विभाग झारखंड सरकार से अनुरोध किया गया है.पुल के दोनों छोड़ पर की गयी बैरिकेडिंग:
इधर, जैसे-जैसे कंस नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. पिलर नदी में धीरे-धीरे धंसते जा रहा है. यह पुल वर्ष 2007 में दो करोड़ रुपये की लागत से बनी थी. पिलर धंसने से डड़हा, छारदा व लोहरदगा के लोगों का इस रूट से आवागमन बंद हो गया है. प्रशासन ने बताया कि लोगों की सुरक्षा के लिए पुल के दोनों छोर पर बैरिकेडिंग की गयी है, ताकि लोग उक्त पुल से सफर न करें. क्योंकि पुल की जो स्थिति है. अगर अधिक दबाव पड़ा, तो यहां हादसा हो सकता है. हालांकि गांव के लोग पैदल इस पुल से पार हो रहे हैं. परंतु भारी वाहनों का परिचालन रोक दिया गया है. क्योंकि इस रूट से पहले हर दिन सैकड़ों गाड़ियां चलती थीं. अब इन गाड़ियों का रूट दूसरे रास्ते से डायवर्ट कर दिया गया है. हालांकि गाड़ी चालकों को दूसरे रास्ते से जाने में अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है.रायडीह व बिशुनपुर में धंसा हुआ है पिलर:
जिस प्रकार सिसई प्रखंड की कंस नदी पर बने पुल का पिलर धंसा है. उसी प्रकार बिशुनपुर प्रखंड में भी एक पुल का पिलर नदी में धंस हुआ है. रायडीह प्रखंड के मरियमटोली गांव के समीप शंख नदी में बने हाइलेबल पुल का भी पिलर नदी के बीच में धंस गया है. मरियमटोली के पुल को भी लंबे समय से मरम्मत की मांग हो रही है, परंतु, कोई इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. ग्रामीण जान हथेली पर रख कर सफर करने को विवश हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है