गुमला में खूंखार हुए आवारा कुत्ते, छह महीने में 843 लोगों को काटा

वर्ष 2021 के फरवरी व मार्च माह में सबसे अधिक कुत्तों ने आतंक मचाया. छह माह के आंकड़ों के अनुसार फरवरी माह में 199 व मार्च माह में 161 लोगों को कुत्तों ने काटा था. वहीं अप्रैल से झारखंड सरकार द्वारा कोरोना वायरस के मद्देनजर राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वेक्षण सप्ताह के कारण कुत्ता काटने की संख्या में धीरे-धीरे कमी आती गयी. जिसमें 21 जून तक मात्र 69 लोगों को कुत्तों ने अपना निशाना बनाया था.

By Prabhat Khabar News Desk | June 23, 2021 12:36 PM

गुमला : गुमला में आवारा कुत्ते खूंखार हो गये हैं. छह माह में 843 लोगों को काटा है. हालांकि इलाज के बाद सभी स्वस्थ हो गये. गुमला शहर के लोग सबसे ज्यादा भयाक्रांत हैं. प्रतिदिन 10 से 15 लोगों को कुत्ते काटते हैं. कोरोना वायरस में भी कुत्तों का कहर नहीं थमा. सदर अस्पताल गुमला से मिले वर्ष 2021 के छह माह तक के आंकड़े के मुताबिक जनवरी-21 से 21 जून तक 843 लोगों को कुत्तों ने अपना निशाना बनाया है.

फरवरी व मार्च में अधिक घटना

वर्ष 2021 के फरवरी व मार्च माह में सबसे अधिक कुत्तों ने आतंक मचाया. छह माह के आंकड़ों के अनुसार फरवरी माह में 199 व मार्च माह में 161 लोगों को कुत्तों ने काटा था. वहीं अप्रैल से झारखंड सरकार द्वारा कोरोना वायरस के मद्देनजर राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वेक्षण सप्ताह के कारण कुत्ता काटने की संख्या में धीरे-धीरे कमी आती गयी. जिसमें 21 जून तक मात्र 69 लोगों को कुत्तों ने अपना निशाना बनाया था.

प्रतिदिन मरीज आते है : मनोज कुमार

एंटी रैबीज देनेवाले कर्मी मनोज कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल गुमला में प्रतिदिन नये पांच से दस मरीज कुत्ते काटने पर आते हैं. एंटी रैबीज के एक वायल से पांच लोगों को इंजेक्शन दिया जाता है. 0.1 एमएल बायां बांह व 0.1 एमएल दाहिने बांह में दिया जाता है. कुल मिला कर एक व्यक्ति को 0.2 एमएल इंजेक्शन दिया जाता है.

झाड़फूंक से बचना चाहिए

स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि कुत्ता काटने पर लोग झाड़-फूंक से सावधान रहे. कई बार झाड़-फूंक के चक्कर में जान भी चली जाती है. कामडारा प्रखंड में इस प्रकार की घटना घट चुकी है. इसलिए कुत्ता काटने पर एंटी रैबीज सूई लेना जरूरी है.

इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में है : डीएस

गुमला अस्पताल के डीएस डाक्टर आनंद किशोर उरांव ने कहा कि सदर अस्पताल में एंटी रैबीज इंजेक्शन की कमी नहीं है. वर्तमान में हमारे दवा भंडार में 560 वायल है. वहीं एंटी रैबीज पड़ने वाले स्थान में 345 वायल उपलब्ध है. एंटी स्नैक वेनम की 80 वायल उपलब्ध है. जिन्हें भी कुत्ते ने काटा है. वे सदर अस्पताल पहुंच कर चिकित्सक से दिखा कर एंटी रैबीज ले सकते हैं.

Posted By : Sameer Oraon

Next Article

Exit mobile version